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30 साल में पहली बार भारत के चावल खाएगा चीन

चीन ने भारतीय चावलों का आयात शुरू कर दिया है.

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भारत सरकार ने किसानों के खाते में साल में 6000 रुपए सालाना डालने का इंतजाम किसान सम्मान योजना में कर दिया है. फोटो- PTI
चीन और भारत के बीच सीमा विवाद अब तक नहीं सुलझा है. इसी बीच एक खबर आई है. तीन दशक यानी करीब 30 साल में पहली बार चीन ने भारतीय चावल का आयात करना शुरू कर दिया है. वैसे तो चीन भारतीय चावल की गुणवत्ता का हवाला देते हुए इसे खरीदने से बचता है, लेकिन अब ऐसा माना जा रहा है कि चीन इस आयात को अगले साल और भी बढ़ा सकता है.
बता दें कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश है. चीन दुनिया का सबसे बड़ा चावल आयातक है. चीन साल में 40 लाख टन चावल का आयात करता है. राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बीवी कृष्ण राव ने बताया कि चीन ने पहली बार भारतीय चावल की खरीदारी की है.
Export Of Basmati Rice
चावल का बढ़ता निर्यात. फोटो- PTI

कोरोना महामारी के बीच भारत से चावल के निर्यात में 70 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है. भारतीय व्यापारियों ने एक लाख टन टूटा चावल चीन को निर्यात करने का अग्रीमेंट किया है. इस चावल की कीमत 300 डॉलर प्रति टन रहेगी. ये शिपमेंट दिसंबर-फरवरी महीने के लिए है. चीन इससे पहले थाईलैंड, म्यांमार, वियतनाम और पाकिस्तान से चावल का आयात किया करता था. ये देश भारत के मुकाबले प्रति टन 30 डॉलर अधिक वसूलते थे. चीन को भारत से चावल लेना काफी सस्ता पड़ेगा.
Export Of Basmati Rice
फोटो- PTI

भारत से चावल का निर्यात बढ़ा है. चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 75 लाख टन चावल का निर्यात हुआ है. ऐसा बताया जा रहा है कि इस बढ़ोत्तरी कारण पश्चिम अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया से बढ़ी मांग है. इन देशों में गैर बासमती चावल का निर्यात किया गया. निर्यातकों ने बताया कि निर्यात का ये आंकड़ा और भी अधिक हो सकता था, अगर आवाजाही बाधित ना होती.

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