भाजपा नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया (Kirit Somaiya) और उनके बेटे नील सोमैया (Neel Somaiya) के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले में मुंबई में केस दर्ज किया गया है. दोनों के खिलाफ ये केस एक पूर्व सैनिक की तहरीर पर दर्ज हुआ है. इसके अलावा शिवसेना से राज्यसभा सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने किरीट सोमैया और उनके बेटे नील सोमैया पर सेव आईएनएस विक्रांत (Save INS Vikrant) कैम्पेन में 57 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है. संजय राउत का ये बयान उस वक्त आया है, जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पत्रा चाल भूमि घोटाले के मामले में राउत फैमिली की करोड़ों की संपत्ति अटैच की है.
'BJP नेता किरीट सोमैया ने देशभक्ति की आड़ में 57 करोड़ का घपला किया?'
भाजपा नेता किरीट सोमैया की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. मुंबई में एक पूर्व सैनिक ने उनके और उनके बेटे नील सोमैया के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया है. वहीं शिवसेना प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने किरीट सोमैया पर 57 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया है.

आजतक से जुड़े मुस्तफा के मुताबिक पूर्व सैनिक बबन भोसले ने किरीट सोमैया के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया है. उनका कहना है कि सोमैया ने आईएएनएस विक्रांत को बचाने के लिए जनता से इकट्ठा किए पैसों का सही इस्तेमाल नहीं किया. बबन भोसले की इस तहरीर पर ट्रॉम्बे पुलिस ने किरीट और नील सोमैया के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 406 और 34 के तहत FIR दर्ज की है.
ट्रॉम्बे पुलिस थाना (फोटो: आजतक)
इस मामले में शिकायत कर्ता के वकील प्रवीण पगारे ने बताया,
"आईएनएस विक्रांत को बचाने के लिए किरीट सोमैया जी ने जो अभियान चलाया था, इसके तहत उन्होंने जनता से काफी पैसा इकट्ठा किया था. लेकिन, इस फंड की कोई भी जानकारी मौजूद नहीं है. इसलिए ये शिकायत की गई है."
प्रवीण पगारे ने ये भी कहा कि अभी तक ये पता नहीं चल पाया है कि कितने पैसों की हेराफेरी की गई है.
किरीट पर संजय राउत ने साधा निशानाआजतक से जुड़े एज़ाज खान से मिली जानकारी के मुताबिक शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने बुधवार, 6 अप्रैल को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर किरीट सोमैया पर करोड़ों के घोटाले का आरोप लगाया. संजय राउत ने कहा कि भारतीय नौसेना का जहाज आईएनएस विक्रांत 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में जीत का प्रतीक है. इसलिए 2013-14 में जब इसकी सेवाएं खत्म हो रही थीं, तब उसे वॉर म्यूजियम' बनाने की मांग की जा रही थी. उनके मुताबिक उस वक्त भारत सरकार का कहना था कि वॉर म्यूजियम बनाने के लिए करीब 200 करोड़ रुपए की जरूरत पड़ेगी.
संजय राउत ने आगे कहा,
'उस समय विक्रांत को स्क्रैप में जाने से बचाने के लिए किरीट सोमैया ने सेव विक्रांत मुहिम (Save Vikrant campaign) चलाई थी. इस कैम्पैन के तहत किरीट और उनके समर्थकों ने मुंबई में एयरपोर्ट से लेकर अलग-अलग रेलवे स्टेशनों, चर्च गेट, नेवी नगर और कई जगहों से चंदा जमा किया था. इस तरह से 57 करोड़ से अधिक का चंदा जमा किया गया. किरीट सोमैया ने कहा था कि वे इस रकम को राज भवन में जमा करेंगे. लेकिन उन्होंने ये पैसा राजभवन में जमा नहीं किया. उन्होंने इस पैसे का इस्तेमाल अपने चुनाव लड़ने और अपने बेटे की कंपनी में किया है. यह घोटाला सिर्फ घोटाला नहीं, बल्कि एक राष्ट द्रोह है.'
आईएनएस विक्रांत (फोटो: इंडिया टुडे)
संजय राउत ने आगे कहा कि उन्हें इस घोटाले की जानकारी तब हुई, जब आरटीआई एक्टिविस्ट धीरेंद्र उपाध्याय ने राजभवन से इसकी जानकारी मांगी. राजभवन से जवाब आया कि ऐसी कोई राशि जमा नहीं की गई है. संजय राउत ने कहा कि वे केंद्र सरकार से अपील करते हैं कि इस मामले की जांच सीबीआई और इनकम टैक्स विभाग से कराई जाए, क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा और स्वाभिमान से जुड़ा मामला है.
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