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पश्चिम बंगाल की जेलों में महिला कैदी प्रेग्नेंट हो रही हैं, इस हैरान करने वाले मामले पर कोर्ट ने क्या कहा?

West Bengal की जेलों में 196 बच्चों ने जन्म लिया है. जानिए पूरा मामला क्या है.

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महिला सुधार गृहों में पुरुष कर्मचारियों की एंट्री पर बैन की अपील | फोटो- इंडिया टुडे

पश्चिम बंगाल की जेलों से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. राज्य के सुधार गृहों में बंद कैदी महिलाएं गर्भवती हो रही हैं. राज्यभर के कई जेलों में कुल मिलाकर करीब 196 बच्चों ने जन्म लिया है. ये जानकारी जेल सुधार से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान न्याय मित्र (एमिकस क्यूरी) ने कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) को दी है. गुरुवार 8 फरवरी को इस ममाले पर कोर्ट में सुनवाई हो रही थी. जानकारी साझा करते हुए न्याय मित्र ने कैदी महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कुछ सुझाव भी दिए हैं.

जनहित याचिका में मांग

इंडिया टुडे से जुड़े अनुपम मिश्रा की रिपोर्ट के मुताबिक मामले की सुनवाई के दौरान न्याय मित्र ने कहा कि ये मामला कैदी महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ा है. उन्होंने अदालत से अपील करते हुए कहा कि, 

  • महिला सुधार गृहों में पुरुष कर्मचारियों के जाने पर रोक लगानी चाहिए. 
  • सभी जिला न्यायाधीशों को उनके संबंधित अधिकार क्षेत्र के तहत सुधार गृहों का दौरा करने दिया जाए. ताकि पता लगाया जा सके कि सुधार गृहों में रहने के दौरान कितनी महिला कैदी गर्भवती हुई हैं.
  • सुधार गृह भेजने से पहले महिला कैदियों का प्रेग्नेंसी टेस्ट कराना चाहिए. सभी जिलों के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारियों (Chief Judicial Magistrates) को इसके लिए आवश्यक निर्देश देना चाहिए.

हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा,

हाल ही में, मैंने सुधार गृहों के महानिरीक्षक (विशेष) और जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण के सचिव के साथ एक महिला सुधार गृह का दौरा किया. मैंने देखा कि एक गर्भवती महिला और कम से कम 15 दूसरी महिला कैदी अपने बच्चों के साथ रह रही थीं. इन बच्चों का जन्म जेल में ही हुआ था.

वहीं पश्चिम बंगाल सुधार सेवाओं के एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने कहा कि,

महिला कैदी के बच्चे की उम्र 6 साल से कम है, तो बच्चे को मां के साथ रहने की अनुमति दी जाती है. लेकिन मुझे इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि जेलों में महिलाएं गर्भवती हो रही हैं. ये असंभव है. अगर ये मामला मेरे संज्ञान में आता है, तो मैं निश्चित रूप से इस पर गौर करूंगा.

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आपराधिक मामलों वाली पीठ करेगी सुनवाई

मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवागनानम और न्यायमूर्ति सुप्रतिम भट्टाचार्य की खंडपीठ ने इस दलील को गंभीरता से लिया है. कोर्ट ने कहा कि मामले को आपराधिक मामलों की सुनवाई करने वाली खंडपीठ के सामने रखा जाएगा. सुनवाई में सरकारी वकील भी मौजूद रहेंगे. इस मामले पर सोमवार को सुनवाई होने की संभावना है.

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