पहलगाम हमले (Pahalgam Attack) के बाद भारत ने पाकिस्तान पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है (Indian Air Strike on Pakistan). पाकिस्तान में मौजूद आतंकवाद के 9 ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया गया है. बुधवार की रात को इस सिलसिले में भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) ने उस मरकज़-ए-तैयबा मुरीदके (Muridke) पर भी बम बरसाए, जिसे लश्कर का हेडक्वार्टर कहा जाता है. इसमें ओसामा बिन लादेन का भी पैसा लगा है और यहां से मुंबई हमले में शामिल आतंकी अजमल कसाब ने ट्रेनिंग ली थी.
Operation Sindoor में तबाह हुआ लादेन का 'आतंकी स्कूल', अजमल कसाब ने भी ली थी ट्रेनिंग
Air Strike on Pakistan: पाकिस्तान के मुरीदके में आतंकवादी ठिकाने मरकज-ए-तैयबा को भारतीय सेना ने तबाह कर दिया. बुधवार की रात एयर स्ट्राइक में इस ठिकाने पर 4 हमले किए गए.

पाकिस्तान के पंजाब के लाहौर से तकरीबन 40 किमी दूर मुरीदके है. पाकिस्तान में आतंकियों को तैयार करने वाली नर्सरी. लश्कर-ए-तैयबा का गढ़. इस वजह से ही इसे ‘मरकज-ए-तैयबा’ कहा जाता है. इंडिया टुडे के रिपोर्टर अरविंद ओझा की रिपोर्ट के अनुसार, करीब 200 एकड़ में फैला ये परिसर दुनिया के सबसे बड़े आतंकवादी ठिकानों में से एक है. हाफिज सईद ने आईएसआई की मदद से 1980 के दशक में इसे बनाया था. बताया जाता है कि इस परिसर में मस्जिद और एक गेस्ट हाउस बनाने के लिए कुख्यात आतंकी ओसामा बिन लादेन ने एक करोड़ रुपये दिए थे.
आतंकियों को ट्रेनिंग देनी हो या छात्रों को रेडिक्लाइज कर आतंकी संगठनों में भेजने का काम हो, यहां पर ये सब ‘तसल्लीबख्श तरीके से’ किया जाता है. हमारे सहयोगी गौरव ताम्रकार की रिपोर्ट के अनुसार, मरकजे-तैयबा आतंकवादी हाफिज सईद के लश्कर-ए-तैयबा के लिए ‘नकाब’ का काम करता है. यानी असली चेहरा आतंक फैलाने का है, लेकिन इस मरकज़ यानी सेंटर में दुनिया को दिखाने के लिए पढ़ाई-लिखाई का काम किया जाता है. यहां अस्पताल भी है. पाकिस्तान में भी प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जमात-उद-दावा का भी ये सेंटर कहा जाता है. यह लश्कर की ही एक शाखा है. या कहें, असल में ये आतंकवाद की नर्सरी है.
ये वही जगह है जिसके बारे में 2008 में मुंबई के आतंकी हमले में शामिल अजमल कसाब ने बताया था कि उसने यहीं से ट्रेनिंग ली थी. आतंकी ज़की उर रहमान के कहने पर डेविड हेडली और तहव्वुर राणा ने भी मुरीदके के मरकज-ए-तैयबा का दौरा किया था. ये दोनों मुंबई आतंकी हमले के मुख्य साजिशकर्ता थे. गौरव की रिपोर्ट में मुंबई हमले के बाद मार्च 2010 में मुरीदके गईं इंडिया टुडे ग्रुप की पत्रकार हरिंदर बावेजा के अनुभवों का भी जिक्र है.
हरिंदर ने जमात-उद-दावा के प्रवक्ता से जब अजमल कसाब के बारे में पूछा तो वह साफ मुकर गया. हाफ़िज सईद और लश्कर पर भी गोल-गोल जवाब देने लगे. आतंक के इस ट्रेनिंग सेंटर को लेकर अब ताजा खबर ये है कि इंडियन एयरफोर्स ने इसे तबाह कर दिया है. रात में भारतीय वायुसेना की मिसाइलों से उगलती आग ने मरकज को तहस-नहस कर दिया. दिन में इसकी हालत ऐसी हो गई कि जेसीबी से मलबा हटाना पड़ा. भारतीय वायुसेना ने लश्कर के इस ठिकाने पर एक-दो नहीं बल्कि 4 हमले किए, जिससे 200 एकड़ में फैले इस सेंटर को काफी नकुसान पहुंचा है.
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