'आजतक' की मौसमी सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक, सफेद रंग की एंबुलेंस में किसान नेताओं के लिए गुरुद्वारे से खाना पैक होकर आया है. ये एंबुलेंस सिंघु बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों के यहां से आई है. वहां से विज्ञान भवन तक खाना आने में करीब डेढ़ घंटे का वक्त लगा. किसानों ने पहले ही मन बना लिया था कि वो सरकार द्वारा दिया गया लंच नहीं खाएंगे. किसानों के लिए लंच में आलू के परांठे आए हैं.
किसानों ने ठुकराई सरकारी दावत, एंबुलेंस में रखकर लाए गए परांठे जमीन पर बैठकर खाए
सरकार से बात करने आए किसानों का कहना है कि वो सरकार का खाना नहीं खाएंगे.


इसी एंबुलेंस में किसानों के लिए खाना आया. (फोटो- मौसमी सिंह)
विज्ञान भवन से कई तस्वीरें सामने आ रही हैं. इनमें किसान ज़मीन पर बैठकर खाना खाते नज़र आ रहे हैं. एक किसान ने 'आजतक' से बातचीत में कहा-
"जिन्हें खेती करनी है, जब वो अपने खेत में खेती करने लायक ही नहीं रहेंगे, तो वो खाना इनका क्यों खाएंगे? (इस आंदोलन से) बड़ा अच्छा मैसेज गया है."

बातचीत के बीच में लंच ब्रेक के दौरान किसान जमीन पर बैठकर खाना खाते हुए नजर आए.
पीछे हटने को तैयार नहीं किसान
किसानों का कहना है कि सरकार ने जो तीन कानून बनाए हैं, वो उनके हित में नहीं हैं. कई लोगों ने इन कानूनों को किसानों का डेथ वारंट तक कहा है. किसान चाहते हैं कि सरकार इन कानूनों को वापस ले. वहीं सरकार का कहना है कि ये सभी कानून किसानों के हित में हैं. सबसे ज्यादा विरोध MSP यानी उपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर हो रहा है. पिछले दो महीने से किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं. अब इस विरोध ने बड़ा रूप ले लिया है. दिल्ली की सीमाओं पर सैकड़ों किसान धरने पर बैठे हैं. उनका कहना है कि सरकार जब तक उनकी दिक्कत हल नहीं करेगी, वो वापस घर नहीं जाएंगे.