The Lallantop

लाल मिर्च के दाम गिरने पर किसानों का गुस्सा फूटा, सरकारी गाड़ियां फूंकी, मंडी दफ्तर में तोड़-फोड़

घटना सोमवार, 11 मार्च की है. बताया जा रहा है कि किसानों ने हावेरी के ब्याडगी एग्रीकल्चरल प्रोड्यूस मार्केट कमिटी (APMC) मंडी पर जमकर हंगामा किया. बताया जा रहा है कि किसान मिर्च के गिरते दाम से नाराज हैं.

Advertisement
post-main-image
ब्याडगी के APMC ऑफिस में कई कंप्यूटर सिस्टम को नुकसान पहुंचाया गया. ( फोटो- इंडिया टुडे )

कर्नाटक के हावेरी में किसानों के हंगामे का मामला सामने आया है. मिर्च के गिरते दाम को लेकर किसानों ने हावेरी के ब्याडगी एग्रीकल्चरल प्रोड्यूस मार्केट कमिटी (APMC) मंडी पर धावा बोल दिया. आरोप है कि उन्हें उत्पादन का मुनासिब दाम नहीं दिया जा रहा है. इसे लेकर किसानों ने ब्याडगी के APMC ऑफिस का घेराव कर प्रदर्शन किया.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement
APMC ऑफिस में बवाल

इंडिया टुडे से जुड़ी अनघा की रिपोर्ट के मुताबिक घटना सोमवार, 11 मार्च की है. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में देखा जा सकता है कि सड़कों पर लोग उग्र होकर गाड़ियों में आग लगा रहे हैं. बताया जा रहा है कि नाराज किसानों ने APMC की 3 गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. 

आरोप है कि किसानों ने APMC ऑफिस में घुसकर तोड़-फोड़ की. कई कंप्यूटर सिस्टम को नुकसान पहुंचाया. इतना ही नहीं ऑफिस पर पथराव के दौरान खिड़की के कांच भी टूट गए. 

Advertisement

ये भी पढ़ें- खर्चा-पानी: प्याज और शिमला मिर्च ने किसानों को किसी लायक नहीं छोड़ा

नाराज किसानों के बवाल को शांत कराने आई पुलिस पर भी हमला हुआ. कुछ लोगों का एक गुट पुलिस वालों को दौड़ाता नजर आ रहा है.  इस बीच पथराव में कई लोगों के घायल होने की भी आशंका जताई जा रही है.

किसानों की मांग क्या है?

ब्याडगी के कांग्रेस विधायक बासवराज नीलप्पा शिवन्नानवर के मुताबिक प्रदर्शनकारी किसान आंध्र प्रदेश के हैं, जो अपनी मिर्च बेचने के लिए मंडी आए थे. कांग्रेस विधायक ने कहा,

Advertisement

"पिछले हफ्ते  100 किलोग्राम मिर्च की कीमत 20-25 हजार थी. जो अब गिरकर 10-15 हजार रुपये हो गई है. घटना को अंजाम देने वाले किसान आंध्र से हैं, जो मिर्च बेचने आए थे."

ब्याडगी अपने लंबी और गहरे लाल रंग की मिर्च के लिए काफी मशहूर है. ये मिर्च कम तीखी होती है. दक्षिण भारत के कई डिशेज में इसका इस्तेमाल किया जाता है. किसानों की मांग है कि पिछले हफ्ते जो रेट मिल रहा था, उसी रेट पर फिर से मिर्च की खरीदारी हो.

वीडियो: खर्चा-पानी: खरीफ फसलों का MSP 9 फीसदी तक बढ़ा, क्या किसान खुश हैं?

Advertisement