अंबानी-अडानी का ये कैसा विरोध?
सीएम अमरिंदर सिंह ने अपील की थी कि दूरसंचार के बुनियादी ढांचे को नुकसान न पहुंचाएं. इसके बावजूद पिछले 24 घंटों में पंजाब में 150 से अधिक सिग्नल साइटों और 1,330 से अधिक टेलिकॉम टावरों की बिजली बाधित की गई है. जियो फाइबर की लाइन काटने की घटनाएं भी दर्ज की गई हैं.
किसान आंदोलन के दौरान पहले कहा गया था कि नए कृषि कानूनों से अंबानी और अडानी को फायदा पहुंचेगा. इनकी सर्विस के बायकॉट की अपील भी की गई थी. माना जा रहा है कि इसी वजह से लोग इनके टावरों को निशाना बनाया जा रहा है. टेलिकॉम टावरों की ऑर्गेनाइजेशन Tower and Infrastructure Providers Association (TAIPA) ने दावा किया है कि कम से कम 1600 टावरों को नुकसान पहुंचाया गया है. रिलायंस ने आधिकारिक तौर पर कोई आंकड़ा नहीं दिया लेकिन कंपनी के सूत्रों की तरफ से दावा है कि सोमवार शाम तक 1,338 टावरों में तोड़फोड़ की जा चुकी थी.
पंजाब के सीएम ने शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों से अपील की थी कि वे इस तरह की कार्रवाइयों से आम जनता को असुविधा न होने दें. मुख्यमंत्री ने कहा था कि ऐसी हरकतें पंजाब और उसके भविष्य के हित में नहीं हैं.
मोबाइल टावरों को नुकसान पहुंचाए जाने की घटनाओं को लेकर पुलिस ने मामले भी दर्ज किए हैं. कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है. पुलिस की ओर से चौकसी भी बढ़ा दी गई है.
सीएम अमरिंदर सिंह ने दी सख्त चेतावनी
मोबाइल टावरों की तोड़फोड़ की खबरों के बीच सोमवार को पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने ऐसा करने वालों को सख्त चेतावनी दी. उन्होंने पुलिस को निर्देश दिए कि ऐसा करने वाले हर शख्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें. अमरिंदर सिंह का कहना है कि ऐसा करने वाले राज्य के लोगों का ही नुकसान कर रहे हैं. इस तोड़फोड़ से संचार सुविधाओं पर भारी असर पड़ सकता है. न सिर्फ बैंकिंग जैसे प्रोफेशन बल्कि स्कूल आदि की ऑनलाइन पढ़ाई भी बाधित हो सकती है.

पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि राज्य में टेलिकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर की तोड़फोड़ करने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा. फोटो- India Today)
किसान संगठनों ने कहा, हमने ऐसा नहीं कहा है
दिल्ली बॉर्डर पर मौजूद हजारों किसान 3 कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं. यहां आंदोलन को 33 दिन हो चुके हैं. मोबाइल टावरों की बिजली काटने और तोड़फोड़ की घटनाओं की यहां पर किसान संगठनों ने भी निंदा की है. उनका कहना है कि विरोध का यह तरीका गलत है. उन्होंने कभी भी रिलायंस या जियो के उपकरण आदि तोड़ने की बात नहीं कही.
किसान नेता सरकार से मिलने को तैयार
किसान यूनियन 30 दिसंबर को दिल्ली में केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई बैठक में भाग लेने को राजी हो गई है. भारतीय किसान यूनियन (डोबा) के महासचिव सतनाम सिंह सहानी ने आजतक को बताया, "हम 30 दिसंबर को बैठक में भाग लेंगे और एक बार फिर नए कृषि कानूनों के बारे में अपनी मांगों को सामने रखेंगे." किसान संघ के सूत्रों का कहना है कि एक बार फिर किसान नेता सरकार से सभी 3 नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करेंगे, वरना आंदोलन जारी रहेगा. केंद्र ने गतिरोध पर 30 दिसंबर को 7 वें दौर की वार्ता के लिए लगभग 40 किसान संघों को आमंत्रित किया है.