चुनाव आयोग ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर दिशानिर्देश दिए हैं. आयोग ने भाजपा के स्टार प्रचारकों को सांप्रदायिक आधार पर बयानबाजी से बचने और कांग्रेस के स्टार प्रचारकों को संविधान को समाप्त करने की गलत धारणा नहीं फैलाने का आदेश दिया है.
चुनाव आयोग का नड्डा और खड़गे को नोटिस, कहा- "स्टार प्रचारकों को मर्यादा..."
चुनाव आयोग ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर दिशानिर्देश दिए है. आयोग ने दोनों अध्यक्षों से अपनी पार्टी के स्टार प्रचारकों को बयानों में मर्यादा बनाए रखने के लिए औपचारिक नोटिस जारी करने को कहा है.

चुनाव आयोग आमतौर पर उस नेता को नोटिस जारी करता है, जिसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई जाती है. लेकिन विपक्ष द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा द्वारा राहुल गांधी और खड़गे के खिलाफ शिकायतों पर चुनाव आयोग ने 25 अप्रैल को दोनों नेताओं की जगह दोनों पार्टी के अध्यक्षों को नोटिस जारी किए थे. इस मामले में आयोग ने अपने स्थापित मानदंडों से अलग निर्णय किया था.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव आयोग ने मोदी, राहुल या खड़गे का नाम नहीं लिया, लेकिन उसने पार्टी अध्यक्षों से उनके स्टार प्रचारकों द्वारा आचार संहिता के कथित उल्लंघन पर जवाब मांगा था.
25 अप्रैल को नोटिस जारी करने के बाद भी दोनों पार्टियों के खिलाफ मिली शिकायतों का हवाला देते हुए चुनाव आयोग ने कहा कि उनके स्टार प्रचारकों ने ऐसे बयान देने बंद नहीं किए हैं जोकि आचार संहिता का उल्लंघन करते हैं. इस आदेश में नड्डा और खड़गे को अपने स्टार प्रचारकों को विशेष जिम्मेदारियों के प्रति सजग रहने और बयानों में मर्यादा बनाए रखने के लिए उन्हें औपचारिक नोटिस जारी करने को कहा है. दोनों को मौजूदा मतभेदों को बढ़ाने और जातियों और समुदायों के बीच आपसी नफरत पैदा करने के खिलाफ MCC के प्रावधानों की याद दिलाई गई है.
जेपी नड्डा को भेजे गए नोटिस में आयोग ने कांग्रेस, CPI और CPI (ML)L की शिकायतें अटैच कीं, जो कि राजस्थान के बांसवाड़ा में प्रधानमंत्री के भाषण से संबंधित थीं. जिसमें उन्होंने कांग्रेस पर मुसलमानों के तुष्टिकरण करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि अगर वह सत्ता में आई तो अधिक बच्चे पैदा करने वालों और घुसपैठियों को संपत्ति सौंप देगी.
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वहीं खड़गे को भेजे गए नोटिस में चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के खिलाफ की गई भाजपा की शिकायत अटैच की थी. यह राहुल गांधी के उस भाषण से संबंधित थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री देश में एक भाषा चाहते हैं. बीजेपी की शिकायत में खड़गे के एक भाषण का भी जिक्र था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को राम मंदिर अभिषेक के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था क्योंकि वह आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखती हैं.
चुनाव आयोग के नोटिस के जवाब में नड्डा और खरगे ने अपने स्टार प्रचारकों का बचाव किया था. 22 मई को दोनों पार्टी अध्यक्षों को दिए आदेश में आयोग ने कहा कि नोटिस पर उनके जवाब तर्कसंगत नहीं हैं.
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