The Lallantop

उद्धव ठाकरे के लिए एकनाथ शिंदे के 'विधायकों की भावना' क्या है, इस खत में पता चल गया

खत में उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए लिखा गया कि सीएम हाउस के दरवाजे 22 जून को पहली बार असलियत में इन विधायकों के लिए खुले.

Advertisement
post-main-image
बाएं से दाएं. शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे. (फोटो: PTI)

महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक संकट के बीच शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने अपने ट्विटर पर एक खुला खत शेयर किया है. ये लेटर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को संबोधित है. लेटर शिंदे का नहीं है. इसे संजय शिरसत ने लिखा है, जो गुवाहाटी में एकनाथ शिंदे के साथ मौजूद हैं. इस खुले खत में उद्धव ठाकरे पर तंज कसे गए हैं. शिंदे कैंप की तरफ से इस पत्र को 'विधायकों की भावना' बताया गया है.

Advertisement

इस खत में उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए लिखा गया कि सीएम हाउस ‘वर्षा’ के दरवाजे 22 जून को पहली बार असलियत में इन विधायकों के लिए खुले. जबकि ये पिछले ढाई साल से बंद थे. पत्र में आगे लिखा गया कि विधायक होने के बाद भी सीएम के आसपास मौजूद लोगों के हाथ जोड़ने पर ही सीएम हाउस में एंट्री मिलती थी. जो लोग राज्यसभा और विधान परिषद के सदस्य हैं, उनसे गुजारिश करने पर मुख्यमंत्री के आवास में प्रवेश मिलता था. पत्र में लिखा गया है,

Advertisement

"ये जो आपके आसपास क्लर्क जुटे हुए हैं और जो खुद को चाणक्य मानते हैं, उन्होंने हमें दूर रखकर राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव की रणनीति बनाई और नतीजे पूरे महाराष्ट्र ने देखे."

‘रामलला के दर्शन से रोका’

इस पत्र में आगे लिखा गया कि राज्यसभा चुनाव में किसी भी विधायक ने क्रॉस वोट नहीं किया, लेकिन फिर भी विधान परिषद चुनाव में उन विधायकों के ऊपर अविश्वास जताया गया. पत्र में उद्धव ठाकरे को संबोधित करते हुए लिखा गया कि जब भी उन विधायकों को मुख्यमंत्री से मिलना होता था, तो उन्हें मुख्यमंत्री आवास के बाहर सड़क पर कई घंटो तक इंतजार करना पड़ता था. विधायक फोन करते, तो मुख्यमंत्री के आसपास बैठे लोग फोन नहीं उठाते. इंतजार करने के बाद विधायक वापस चले जाते.

इस पत्र में आगे ये भी कहा गया है कि जब कांग्रेस-एनसीपी की तरफ से शिवसेना विधायकों को अपमानित किया जा रहा था, तब सिर्फ एकनाथ शिंदे ही उन शिवसैनिक विधायकों की सुनते थे. ये भी, कि जब आदित्य ठाकरे अयोध्या गए, तब विधायक भी उनके साथ जाना चाहते थे. लेकिन उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे से कहा था कि विधायकों को अयोध्या जाने से रोका जाए. पत्र में आरोप लगाया गया है कि विधायकों को रामलला के दर्शन करने थे, लेकिन सीएम ने रोक दिया. 

Advertisement

Advertisement