The Lallantop

ED पर हमला हो गया, पश्चिम बंगाल में छापा मारने पहुंचे थे!

TMC नेता शाहजहां शेख के आवास पर छापा मारने गए थे ED के अफ़सर. फिर क्या-क्या हुआ?

post-main-image
पश्चिम बंगाल के संदेशखाली गांव में ED की टीम पर हमला. (वीडियो से स्क्रीनशॉट)

प्रवर्तन निदेशालय (ED) पश्चिम बंगाल (West Bengal) में राशन घोटाले के सिलसिले में कई जगहों पर छापेमारी कर रहा है. इसी सिलसिले में शुक्रवार, 5 जनवरी को ED के अफ़सर नॉर्थ-24 परगना ज़िले में छापा मारने गए थे. TMC नेता शाहजहां शेख के आवास पर. मगर वहां पहुंचते ही 100 से 200 स्थानीय लोगों ने अफ़सरों और अर्धसैनिक बलों को घेर लिया. स्थानीय लोगों की भीड़ ने ईडी और केंद्रीय बल की गाड़ी पर हमला कर दिया. गाड़ियां तोड़ दीं.

किसी तरह अधिकारी वहां से निकलकर आए और फिर शाहजहां शेख़ को इस केस में गिरफ़्तार कर लिया गया. ED टीम के एक सदस्य ने न्यूज़ एजेंसी ANI को बताया,

"आठ लोग मौक़े पर आए. जैसे ही हम बाहर आए, तो उन्होंने हम पर हमला कर दिया."

राज्य BJP के प्रमुख सुकांत मजूमदार ने हमले का आरोप रोहिंग्या मुसलमानों पर लगाया है. उन्होंने कहा,

"इन सभी के ख़िलाफ़ शिकायत और भ्रष्टाचार के आरोप हैं. स्वाभाविक रूप से प्रवर्तन निदेशालय कार्रवाई करेगा. हमला दिखाता है कि रोहिंग्या मुसलमान राज्य में कानून व्यवस्था के साथ क्या कर रहे हैं."

विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाए हैं कि राज्य में क़ानून व्यवस्था की स्थिति जर्जर है. उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस से स्थिति का संज्ञान लेने और उचित कार्रवाई करने की अपील की है. उन्होंने ये भी मांग की, कि NIA को मामले की जांच करनी चाहिए.

राशन घोटाला है क्या?

ED महीनों से पश्चिम बंगाल में कथित राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में छापेमारी कर रही है. एजेंसी ने पहले खुलासा किया था कि सूबे में पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम (PDS) का लगभग 30% राशन खुले बाज़ार में बेच दिया गया. राशन की कथित चोरी से जो नफ़ा हुआ, वो मिल मालिकों और PDS वितरकों के बीच बंट गया. राज्य में 12,000 से ज़्यादा डीलरों, वितरकों और राशन दुकान मालिकों का एक नेटवर्क बनाया गया था.

14 अक्टूबर, 2023 को जांच एजेंसी ने आटा और चावल मिलर बकीबुर रहमान को गिरफ़्तार किया था और उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. दो हफ़्तों के अंदर पड़े कई छापों के बाद 1.42 करोड़ रुपये ज़ब्त किए गए.

ये भी पढ़ें - हरियाणा में INLD नेता के यहां ED की रेड, विदेशी बंदूकें, 5 करोड़ कैश सहित मिला बड़ा ‘खजाना’

ये नेटवर्क काम कैसे करता था? ईडी ने जानकारी दी है,

“चावल मिल मालिकों ने कुछ सहकारी समितियों के साथ मिलकर खेल किया है. फिर किसानों के फ़र्ज़ी बैंक खाते खुलवाए और धान उत्पादकों को मिलने वाली MSP को अपनी जेबों में भर लिया. मिल मालिकों ने प्रति क्विंटल लगभग 200 रुपये कमाए. और ऐसा सालों से चल रहा है.”

जांच एजेंसी ने घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पश्चिम बंगाल के मंत्री ज्योति प्रियो मलिक को भी गिरफ़्तार किया था. वो 2011 से 2021 तक खाद्य आपूर्ति मंत्री थे, कथित तौर पर इसी दौरान राशन वितरण स्कीम में ‘अनियमितताएं’ हुई हैं.