इजरायल की सेना पर यूरोपीय संघ, अरब और कुछ एशियाई देशों के राजनयिकों पर हमला करने का गंभीर आरोप लगा है. कई देशों के राजनयिकों का दल इजरायल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक के दौरे पर है. हमले के वक्त वे जनीन शहर के एक शरणार्थी कैंप पर पहुंचे हुए थे. इसी दौरान इजरायली सेना ने उन पर कथित तौर पर गोलियां बरसा दीं. अल जज़ीरा की रिपोर्ट के मुताबिक यह जानकारी फिलिस्तीनी प्रशासन ने दी है.
फिलिस्तीनियों का हाल जानने पहुंचे कई देशों के राजनयिक, इजरायली सेना ने गोली चला दी
इजरायली सेना का कहना है कि उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को चेतावनी देने के लिए गोलियां चलाईं, क्योंकि वे तय रूट से हटकर एक ऐसे इलाके में चले गए थे जहां उन्हें अनुमति नहीं थी.

दूसरी तरफ इजरायली सेना का कहना है कि उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को चेतावनी देने के लिए गोलियां चलाईं. क्योंकि वे तय रूट से हटकर एक ऐसे इलाके में चले गए थे जहां उन्हें अनुमति नहीं थी. इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ. लेकिन इसका वीडियो देखकर साफ पता चलता है कि इस ‘चेतावनी’ वाली गोलीबारी में किसी की जान जा सकती थी.
रिपोर्ट के मुताबिक प्रतिनिधिमंडल 21 मई को जनीन स्थित शरणार्थी कैंप में मानवीय स्थिति का जायज़ा लेने आया था. यहां इजरायल का सैन्य अभियान पिछले चार महीनों से चल रहा है. इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों की जान गई है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं.
सोशल मीडिया पर चल रहे वीडियो में दिखता है जब राजनयिक मीडिया को इंटरव्यू दे रहे थे तभी गोलियों की आवाज़ आई और सभी को भागकर बचना पड़ा. अल जज़ीरा ने दावा किया है कि वीडियो सही है जिसमें दो इजरायली सैनिक राजनयिकों की ओर राइफलें ताने खड़े दिखाई दे रहे हैं. एक वॉलंटियर ने बताया कि उस समय लगभग 20 राजनयिकों को जनीन में हालात की जानकारी दी जा रही थी. चश्मदीदों ने कहा कि यह साफ नहीं हो पाया कि गोलियां कहां से आईं, लेकिन कोई घायल नहीं हुआ.
फिलिस्तीनी विदेश मंत्रालय ने इस घटना की कड़ी निंदा की और इसे इजरायली सेना का 'जानबूझकर किया गया अपराध' बताया.
तुर्की ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून और मानवाधिकारों का उल्लंघन है और इसकी तुरंत जांच होनी चाहिए. उनके यरुशलम स्थित वाणिज्य दूतावास का एक राजनयिक भी उस दल में शामिल था जिस पर गोलियां चलाई गईं.
फ्रांस के विदेश मंत्री ने इस घटना को “अस्वीकार्य” बताया और पेरिस में इजरायली राजदूत को तलब किया. आयरलैंड के विदेश मंत्री ने कहा कि वे “चकित और स्तब्ध” हैं. इस दल में दो आयरिश राजनयिक भी शामिल थे. वही स्पेन ने भी इजरायली राजदूत को तलब किया और “स्पष्टता व जवाबदेही” की मांग की. इटली की सरकार ने भी स्पष्टीकरण मांगा है क्योंकि उनके प्रतिनिधि भी वहां मौजूद थे.
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