क्या सच में गांव की महिला ने ट्रेन एक्सीडेंट होने से बचा लिया? (फोटो - सोशल मीडिया)
यूपी के एटा (Etah) से एक खबर वायरल है. कहा जा रहा है कि एक ट्रेन की पटरी टूटी हुई थी. बुजुर्ग महिला ने पहनी थी लालरंग की साड़ी. लाल रंग की साड़ी उतारकर लकड़ियों के सहारे ट्रैक पर बांध दी. उन्होंने आसपास खेतों में मौजूद लोगों की मदद से रेल चालक को खतरे का इशारा दिया. चालक ने इशारे को समझते हुए ट्रेन काफी पहले रोक दी. बाद में रेलवे के अधिकारियों को सूचना दी गई. कुछ ही देर में रेलवे के कर्मचारी वहां पहुंच गए और टूटे हुए ट्रैक की मरम्मत की. इस दौरान करीब आधा घंटा ट्रेन खड़ी रही. देखिए 2-4 सोशल मीडिया पोस्ट, ये कहानी और वाहवाहीमार्का रिप्लाई - पुलिसकर्मी सचिन कौशिक ने ट्वीट करते हुए लिखा,
"श्रीमती ओमवती. सुबह खेत पर काम करने जा रही थीं. ट्रैक पार करते समय अचानक टूटी पटरी पर नजर पड़ गई. ट्रेन आने वाली थी, इन्होंने समझदारी दिखाते हुए अपनी लाल रंग की साड़ी को लकड़ियों की मदद से ट्रैक पर खड़ा कर दिया. ट्रेन रोकी गई, पटरी ठीक हुई तब 30 मिनट बाद ट्रेन रवाना हुई."
अजय मौर्य लिखते हैं,
"माता जी को सम्मानित किया जाना चाहिए"

वहीं मनीष जैन नाम के यूजर लिखते हैं,
"आखिरकार मां ही सबका ध्यान रखती है."

वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा
"ये एक असली हीरो है."

लेकिन गुरु, मामला इतना क्लियर नहीं है. इतना साफ सीधा नहीं है. क्योंकि अधिकारी कुछ और कहानी बता रहे हैं. बता रहे हैं कि पटरी टूटी नहीं थी, मरम्मत चल रही थी. हिंदुस्तान की खबर के मुताबिक, जलेसर सिटी रेलवे स्टेशन अधीक्षक एसएस मीना का कहना है,
एटा-बरहन रेल खंड पर पिछले छह महीनों से पटरी बदलने का काम चल रहा है. फिलहाल कुसवा रेलवे स्टेशन के नजदीक पटरी बदली जा रही है. इसके चलते हर रोज सुबह सुबह सवा नौ बजे से दोपहर सवा बारह बजे तक यह रेल लाइन ब्लॉक रहती है, हो सकता यहां कोई काम रह गया हो इस वजह से ये पटरी नहीं जुड़ी. मामले की जांच की जाएगी.
जांच की जाएगी. ठीक है. अब रुख करते हैं एटा के रेलवे अधीक्षक का. आजतक से बातचीत में रेलवे ने कहा,
"घटना की सच्चाई ये है कि मेंटेनेंस करने वाले कीमैन ने रोकी थी ट्रेन. वो सुबह-सुबह निकलता है मुआयना करने और उसने ही मुआयने के दौरान देखा तो उसने ट्रेन रोकी. इसमें कोई सच्चाई नहीं है कि महिला ने रोकी ट्रेन. फर्जी खबर है ये. मेरे ट्रैक के इन्स्पेक्टर से बात हुई, तो मुझे पूरी सच्चाई पता चली."