पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab and Haryana High Court) ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) और चार अन्य को हत्या के मामले में बरी कर दिया है. 5 लोगों को ये छूट रंजीत सिंह की हत्या (Ranjit Singh Murder Case) के मामले में मिली है. पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने ये फ़ैसला CBI कोर्ट के फ़ैसले को रद्द करते हुए सुनाया है. दरअसल, राम रहीम ने CBI कोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ हाई कोर्ट में अपील की थी. CBI कोर्ट ने 2021 में रंजीत सिंह हत्याकांड में गुरमीत राम रहीम सहित पांच दोषियों को उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई थी.
राम रहीम समेत 5 लोग बरी हो गए, हाई कोर्ट ने CBI कोर्ट के फ़ैसले को क्यों पलट दिया?
Punjab and Haryana High Court ने डेरा प्रमुख Gurmeet Ram Rahim और चार अन्य द्वारा CBI court के 2021 के आदेश के ख़िलाफ़ दायर अपील को स्वीकार कर लिया. सभी आरोपी बरी.

हाई कोर्ट में जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस ललित बत्रा की दो जजों की बेंच ने मामले की सुनवाई की. इससे पहले कोर्ट ने डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या के सिलसिले में CBI अदालत द्वारा दिए गए दोष सिद्धि के आदेश के ख़िलाफ़ दायर की गई अपीलों को स्वीकार कर लिया था. हाई कोर्ट ने राम रहीम के साथ ही जसबीर सिंह, सबदिल सिंह, कृष्ण सिंह और अवतार सिंह को बरी कर दिया है. हालांकि इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक़, हाई कोर्ट ने अभी तक विस्तृत आदेश जारी नहीं किया है.
यहां पर ये भी बता दें कि रेप और पत्रकार की हत्या मामले में हाईकोर्ट के समक्ष राम रहीम की अपील अभी भी लंबित है.
इससे पहले अक्टूबर 2021 में पंचकूला की CBI अदालत ने आरोपी जसबीर सिंह, सबदिल सिंह और कृष्ण लाल को IPC की धारा 302 (हत्या) और 120B (आपराधिक साज़िश) और धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत अपराध का दोषी ठहराया था. इसके अलावा अदालत ने सबदिल सिंह को आर्म्स एक्ट, 1959 की धारा 27 के तहत अपराध का दोषी भी ठहराया था.
हरियाणा के सिरसा में डेरा के प्रबंधकों में से एक रंजीत सिंह की 10 जुलाई 2002 को कुरुक्षेत्र में हत्या कर दी गई थी. इस पर थानेसर पुलिस स्टेशन में हत्या और आपराधिक साज़िश के आरोपों पर एक FIR दर्ज की गई थी. इस पर 10 नवंबर 2003 को हाई कोर्ट ने मामले की CBI जांच का आदेश दिया था. CBI चार्जशीट में कहा गया था कि डेरा प्रमुख को रंजीत सिंह पर शक था. शक ये कि रंजीत सिंह डेरा के अनुयायियों के बीच एक गुमनाम लेटर बांट रहे हैं. इस पत्र में डेरा प्रमुख पर डेरा के अदंर महिला अनुयायियों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था. ये वही लेटर था, जिसे सिरसा स्थित पत्रकार राम चंद्र छत्रपति ने एक समाचार रिपोर्ट में उजागर किया था.
BJP को राम रहीम का सपोर्ट!गुरमीत राम रहीम सिंह के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा ने हरियाणा में लोकसभा चुनाव में BJP को समर्थन का एलान किया था. चुनाव प्रचार ख़त्म होने के बाद डेरा सच्चा सौदा ने 15 सदस्यीय कमेटी को चुनाव ड्यूटी के लिए नियुक्त किया था. ये एलान 25 मई को हरियाणा की सभी 10 सीटों चुनाव के ठीक एक दिन पहले यानी 24 मई किया गया था. फिलहाल राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है.
इससे पहले 14 मई को डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली थी. सुप्रीम कोर्ट ने राम रहीम के खिलाफ दर्ज आपराधिक शिकायत को रद्द करने के हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने अपने आदेश में पिछले साल अक्टूबर में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख के खिलाफ दर्ज FIR को रद्द कर दिया था. जिसको सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी.
जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा कि पंजाब सरकार की याचिका में कोई मेरिट यानी योग्यता नहीं है कि उसे सुना जाए. दरअसल, ये केस संत कबीर दास और गुरु रविदास के भक्तों की धार्मिक मान्यताओं का अपमान करने को लेकर है.
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ये मामला साल 2016 में एक सत्संग में प्रवचन को लेकर दर्ज किया गया था. राम रहीम के खिलाफ आईपीसी की धारा 295 ए के तहत 2023 में एक एफआईआर दर्ज की गई थी. इसमें राम रहीम पर संत कबीर दास और गुरु रविदास को लेकर आपत्तिजनत टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया था. हालांकि बाद में पंजाब हाईकोर्ट ने गुरमीत राम रहीम सिंह के खिलाफ इस एफआईआर को रद्द करने का आदेश दिया था.
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