दिल्ली पुलिस की साइबर सेल के जॉइंट सीपी प्रेम नाथ ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया था कि निकिता जैकब खालिस्तान समर्थक लोगों के साथ जूम मीटिंग में मौजूद थीं. (फोटो-ट्विटर)
टूलकिट मामले में दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस दूसरे आरोपियों को खोजने में लगी हुई है. इनमें से एक निकिता जैकब हैं. दिल्ली पुलिस ने निकिता जैकब के खिलाफ कोर्ट से नॉन बेलेबल वारंट जारी करवाया है. वह अभी फरार हैं. पुलिस की एक टीम ने निकिता जैकब की तलाश में उनके घर पर 11 फरवरी को दबिश दी थी. पुलिस के मुताबिक निकिता जैकब, उनके सहयोगी शांतनु और दिशा ने मिल कर टूलकिट डॉक्यूमेंट बनाया था. शांतनु के ईमेल से ही यह डॉक्यूमेंट क्रिएट किया गया और बाकी इसके एडिटर हैं. यह सारी बातें दिल्ली पुलिस की साइबर सेल के जॉइंट सीपी ने सोमवार को दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताईं. बता दें कि ग्रेटा थनबर्ग की टूलकिट को लेकर दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने 13 फरवरी को दिशा रवि नाम की 21 साल की युवती को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था. उसे 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है. पुलिस ने आरोपियों के खालिस्तान समर्थक संगठन के संपर्क में होने की बात भी कही.
पुलिस ने खालिस्तान कनेक्शन भी बताया
इस प्रेस कॉन्फेंस के दौरान दिल्ली पुलिस ने आरोपियों का खालिस्तान कनेक्शन भी बताया. पुलिस के मुताबिक,
कनाडा में रहने वाली पुनीत नाम की एक महिला ने इन लोगों का संपर्क प्रो-खालिस्तानी पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन से करवाया. 11 जनवरी को निकिता और शांतनु ने पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के साथ एक जूम मीटिंग अटेंड की. इस मीटिंग में ही आगे की कार्रवाई पर रणनीति तैयार हुई.
साइबर सेल के जॉइंट सीपी प्रेम नाथ ने आगे बताया बताया कि
जैसा कि हम जानते हैं कि 26 जनवरी को बड़े पैमाने हिसा हुई. 27 नवंबर से किसान आंदोलन चल रहा था. 4 फरवरी को हमें टूलकिट के बारे में जानकारी मिली, जो कि खलिस्तानी सगठनों की मदद से बनाया था. इस टूलकिट के बहुत से स्क्रीनशॉट खुलेआम भी मौजूद हैं और उनकी जांच भी की गई है. जांच के बाद पूरी जानकारी जुटाई गई और कोर्ट से निकिता जैकब के खिलाफ सर्च वॉरंट लिया गया. यह काम 9 फरवरी को किया गया. निकिता जैकब गूगल डॉक पर बनी टूलकिट की एक एडिटर हैं.
इस मामले में पेशे से वकील निकिता जैकब की लीगल टीम का कहना है कि दिल्ली पुलिस ने 10 फरवरी को उनका बयान दर्ज किया था, दिल्ली पुलिस की ओर से जांच में सहयोग न करने का आरोप गलत है, दिल्ली पुलिस ने पंचनामा भी बनाया था, हम सारे सबूत कोर्ट के सामने पेश करेंगे. बता दें कि नॉन बेलेबल वॉरंट जारी होने के बाद निकिता जैकब के अलावा आरोपी शांतनु ने भी ट्रांजिट एंटिसिपेट्री बेल के लिए मुंबई हाई कोर्ट की औरंगाबाद बेंच का रुख किया है. मामले की सुनवाई कल यानी कल यानी मंगलवार को होगी.
क्या है टूलकिट का पूरा मामला
किसान आंदोलन के समर्थन में क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेट थनबर्ग ने जिस टूलकिट को सोशल मीडिया पर शेयर किया, उसकी जांच की दिशा तय हो गई है. इस मामले में पहली गिरफ्तारी दिशा रवि के तौर पर हुई. दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दिशा रवि देश को बदनाम करने और माहौल बिगाड़ने के लिए तैयार किए गए टूलकिट केस की मुख्य साजिशकर्ता है. दिशा ने टूलकिट को कई बार एडिट किया था. सूत्रों के मुताबिक दिशा ने कबूल किया कि उसने 2 लाइन एडिट किया था. दिशा ने एक वॉट्सग्रुप बनाया था, जिसमें निकिता जैकब जुड़ी हुई थी. निकिता भी इस केस में दिल्ली पुलिस के राडार पर है. पूछताछ के लिए निकिता से सायबर सेल ने संपर्क भी किया था, लेकिन 12 फरवरी के बाद से ही निकिता जैकब अंडरग्राउंड हैं.