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दिल्ली: 65 हजार फर्जी मरीज, फर्जी मोबाइल नंबर, मोहल्ला क्लीनिक के 2 लैब का बड़ा 'घोटाला' कैसे खुला?

Delhi में Mohalla Clinics में फर्जी लैब टेस्ट का मामला सामने आया है. एक दो नहीं, हजारों ऐसे मामले पकड़े गए हैं. ACB की जांच में 2 प्राइवेट डायग्नोस्टिक लैब - Agilus Diagnostics और Metropolis Healthcare - के नाम सामने आए हैं. कैसे करते थे 'घोटाला'?

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दोनों लैब को दिल्ली सरकार से मिले 4.63 करोड़ रुपये | फोटो क्रेडिट- आज तक
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कुमार कुणाल

दिल्ली में केजरीवाल सरकार की तरफ से चलाए जा रहे आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक में फर्जी लैब टेस्ट का मामला सामने आया है. एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) की शुरुआती जांच में इस मामले में दो प्राइवेट डायग्नोस्टिक लैब के नाम सामने आए हैं. एगिलस डायग्नोस्टिक और मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर. दोनों लैब को दिल्ली सरकार ने ही नियुक्त किया था. जांच में पता चला है कि असल में ऐसे कई मरीज थे जिनका इन लैब में कोई टेस्ट नहीं हुआ, लेकिन मरीजों की लिस्ट में इन सभी का नाम है, यानी फर्जी लिस्ट. आइए पूरा मामला समझते हैं.

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आजतक से जुड़े कुमार कुणाल की एक रिपोर्ट  के मुताबिक एसीबी की शुरुआती जांच से पता चला है कि फरवरी 2023 से दिसंबर 2023 के बीच दोनों निजी लैब ने लगभग 22 लाख टेस्ट किए जिसके लिए उन्हें दिल्ली सरकार से 4.63 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था. इनमें से 65,000 से ज्यादा टेस्ट या तो फर्जी थे या फिर उनमें हेरफेर किया गया था. हर एक टेस्ट करने की लागत 100 रुपये से 300 रुपये तक थी. जांच के दौरान ये भी पता चला कि जिन लोगों के मोबाइल नंबर डाले गए थे, उनमें से 63 फीसदी ने न तो कोई टेस्ट करवाया था और न ही किसी मोहल्ला क्लीनिक का दौरा किया था.

एजिलस डायग्नोस्टिक्स लिमिटेड (फरवरी 2023 से नवंबर 2023 तक किए गए टेस्ट)

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#ब्लैंक मोबाइल नंबर पर 12,457 टेस्ट किए गए.

#25,732 टेस्ट बिना मोबाइल नंबर के किए गए.

#1,2,3,4,5 से शुरू होने वाले फर्जी मोबाइल नंबरों पर 913 टेस्ट किए गए.

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#कई रोगियों के लिए 80 से ज्यादा बार दोहराए गए मोबाइल नंबरों पर 2,467 टेस्ट किए गए.

#मरीजों के रजिस्ट्रेशन और एक ही मोबाइल नंबर पर टेस्ट किए गए मरीजों की संख्या के बीच भी भारी हेराफेरी पाई गईं.

मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर (फरवरी 2023 से दिसंबर 2023)

#मोबाइल नंबर- 9999999999 पर कई मरीजों के 6,121 टेस्ट किए गए. पूछताछ में पता चला कि यह अवैध/नकली नंबर है.

# एक मोबाइल नंबर ऐसा था (9821*****5) पर कई मरीजों के 2,399 टेस्ट किए गए. पूछताछ में पता चला कि जिसका मोबाइल नंबर है उसने कभी कोई टेस्ट ही नहीं कराया था.

#11,350 परीक्षण उन मोबाइल नंबरों पर किए गए, जिन्हें कई रोगियों के लिए 130 से ज्यादा बार दोहराया गया.

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दिल्ली सरकार का स्वास्थ्य विभाग मौन

एसीबी ने दोनों प्राइवेट लैब के मरीजों के मोबाइल नंबरों का रैंडम टेली-वेरिफिकेशन भी किया. जिससे पता चला कि बड़ी संख्या में टेस्ट या तो अमान्य मोबाइल नंबरों या ऐसे मोबाइल नंबरों पर किए गए जो मरीजों से संबंधित ही नहीं थे. जांच में ये भी बात सामने आई है कि इन मरीजों ने कभी भी मोहल्ला क्लीनिक में कोई जांच नहीं कराई.

इस मामले पर अभी तक दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. स्वास्थ्य विभाग फिलहाल मंत्री सौरभ भारद्वाज के अधीन है, जो पहले सत्येन्द्र जैन के पास हुआ करता था.

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