''मुंबई में गानों को पहले एक डमी सिंगर रिकॉर्ड करता है. फिर उसी गाने को दूसरे स्ट्रगलिंग सिंगर्स से रिकॉर्ड करवाया जाता है. उसमें से उन्हें जिसकी आवाज़ ठीक लगती है, उसके वर्ज़न को अपनी फिल्म में रख लेते हैं. मेरे साथ ये है कि मैं पहले 6 लाख रुपए प्लस जीएसटी लेता हूं. उसके बाद गाने रिकॉर्ड करता हूं. एक बार गाना रिकॉर्ड करने के बाद वो उसे फिल्म से नहीं निकाल सकते क्योंकि उन्होंने ही मुझे अप्रोच किया था. मेरे इस प्रोसेस के साथ बहुत सारे प्रोड्यूसर कंफर्टेबल नहीं हैं. यही वजह है कि मैं कम गाने गाता हूं. पहली बात तो ये कि मैं महंगा हूं. दूसरी बात ये कि मैं गानों के चुनाव में बहुत चूज़ी हूं. और तीसरी बात ये कि मार्केट में गंदा काम नहीं करना चाहता.''दलेर मेहंदी ने ये भी बताया कि वो रियलिटी शोज़ भी जज नहीं करते. उनका मानना है कि रियलिटी शोज़ के बजट करोड़ों में होते हैं. ऐसे में दलेर को भी उनकी फीस मिलनी चाहिए. वो फ्री में कोई शो जज क्यों करें. उन्होंने बताया कि वो आने वाले समय में 80 के दशक में गाई अपनी गज़लों को रीक्रिएट करना चाहते हैं. पिछली बार दलेर मेहंदी ने 'उड़ी- द सर्जिकल स्ट्राइक' फिल्म में 'जग जित्तेया' और 'छलांग' फिल्म का टाइटल सॉन्ग गाया था. दलेर मेहंदी के छोटे भाई मिका सिंह हिंदी फिल्मों में काफी नियमित तौर पर गाते रहते हैं.
दलेर मेहंदी ने बताया कि वो एक गाना गाने के कितने पैसे लेते हैं
क्या महंगे होने की वजह से दलेर मेहंदी को कम गाने मिलते हैं?
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अपने कॉन्सर्ट के दौरान परफॉर्म करते हुए दलेर मेहंदी.
दलेर मेहंदी ने 18 अगस्त को अपना 54वां जन्मदिन मनाया. इस मौके पर उन्होंने तमाम मीडिया आउटलेट्स से बातचीत की. सभी इंटरव्यू में एक सवाल कॉमन था. कई बॉलीवुड फिल्मों में गा चुके दलेर मेहंदी, अब हिंदी फिल्मों में क्यों नहीं गाते? इसके जवाब में दलेर ने कहा कि वो बहुत महंगे हैं, इसलिए प्रोड्यूसर्स उन्हें अफॉर्ड नहीं कर पाते. साथ ही वो अपने गानों लेकर बहुत चूज़ी हैं. दलेर मेहंदी ने अपने करियर की शुरुआत 1995 में आए एल्बम 'बोलो ता रा रा रा' से थी. जो कि बहुत बड़ा हिट साबित हुआ. इसके बाद उन्होंने 'डरदी रब दी' और 'बल्ले बल्ले' नाम के दो और एल्बम निकाले. दोनों ही एल्बम बड़े सक्सेसफुल रहे. दलेर ने अमिताभ बच्चन और नाना पाटेकर स्टारर फिल्म 'मृत्युदाता' से अपना हिंदी फिल्म सिंगिंग करियर शुरू किया. इस फिल्म में उन्होंने 'ना ना ना रे' नाम का गाना गया था. जिसके बिना आज भी कोई पार्टी पूरी नहीं होती. आगे उन्होंने 'तुनक तुनक' और 'सजन मेरे सतरंगिया' जैसे पॉपुलर गाने गए. इसके अलावा उन्होंने 'रंग दे बसंती', 'सिंह इज़ किंग', 'एक्शन रीप्ले', 'भाग मिल्खा भाग', 'मिर्ज़या', 'दंगल' और 'बाहुबली' जैसी फिल्मों के लिए भी गाने गाए हैं. इंडियन एक्स्प्रेस के साथ हुई बातचीत में दलेर मेहंदी ने बताया कि हिंदी फिल्मों में म्यूज़िक बनाने का क्या प्रोसेस होता है. मगर वो इस प्रक्रिया में फिट नहीं होते, इसलिए वो फिल्मी म्यूज़िक से दूर चल रहे हैं. दलेर कहते हैं-
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