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आग से बच्चे को बाहर लेकर आए कांस्टेबल के लिए राजस्थान सरकार ने किया बड़ा ऐलान!

सोशल मीडिया पर छा गए कांस्टेबल नेत्रेश शर्मा

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राजस्थान के करौली में आगजनी के दौरान बच्चे की जान बचाते कॉन्स्टेबल नेत्रेश शर्मा (साभार: आजतक)
फिल्मों में आपने देखा होगा, शहर दंगों में जल रहा होता है और एक व्यक्ति लोगों को अपनी जान पर खेलकर बचा रहा होता है. फिल्म देखते हुए हम कहते हैं, 'देखो हीरो आ गया लोगों को बचाने.' फिल्मों की तरह ही रियल लाइफ में भी एक ऐसा ही हीरो बीते शनिवार को राजस्थान (Rajasthan) के करौली (Karauli) में नजर आया और इसने आग की लपटों से घिरे कई लोगों की जान बचाई.
दरअसल, राजस्थान (Rajasthan) का करौली (Karauli) शहर जब बीते शनिवार यानी 3 अप्रैल को हिंसा और उपद्रव की आग में जल रहा था. उस दौरान एक पुलिस कांस्टेबल आग की लपटों में फंसे लोगों की जान बचा रहा था. आग की लपटों के बीच एक मासूम को सीने से लगाए उसी कांस्टेबल की तस्वीर वायरल हो गई है. हर कोई कांस्टेबल की तारीफ कर रहा है.
इस कांस्टेबल का नाम नेत्रेश शर्मा (Netresh sharma) है, जो 31 साल के हैं. नेत्रेश ने करौली में हुई हिंसक झड़पों के दौरान आग में घिरे एक मासूम समेत चार जानें बचाईं. इस बहादुरी के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan CM Ashok gehlot) ने नेत्रेश शर्मा से फोन पर बात की और उन्हें शुभकामनाएं दीं. नेत्रेश शर्मा से फोन पर बातचीत में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा,
'जिस तरह से आपने अपनी जान जोखिम में डालकर काम किया है, वह काबिले तारीफ है. और आपने बहुत साहस दिखाया, इसके लिए आप बधाई के पात्र हैं.'
इसके कुछ देर बाद राजस्थान सरकार ने नेत्रेश शर्मा को प्रमोशन देते हुए हेड कांस्टेबल की पोस्ट देने का फैसला किया है. साल 2013 में नेत्रेश की नियुक्ति कांस्टेबल की पोस्ट पर हुई थी. वे करौली शहर चौकी पर तैनात हैं.
क्या है पूरा मामला?
'आजतक' से जुड़े गोपाल लाल माली के मुताबिक राजस्थान के करौली में नव संवत्सर यानी हिंदू कैलंडर के अनुसार नये साल पर एक बाइक रैली निकाली गई थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस रैली के दौरान दो गुट आमने-सामने आ गए. पत्थरबाजी के बाद हिंसा फैल गई. तोड़-फोड़, मारपीट और आगजनी की घटनाएं हुईं. दुकानों के साथ मकानों में भी आग लगा दी गई थी. इस आगजनी में एक मासूम समेत तीन महिलाएं एक मकान में आग की लपटों के बीच फंसी हुई थीं और मदद मांग रही थीं. तभी इन पर करौली शहर चौकी पर तैनात कांस्टेबल नेत्रेश की नजर पड़ी. जलती दुकानों के बीच नेत्रेश ने मासूम और महिलाओं को सुरक्षित बाहर निकाला.
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कांस्टेबल नेत्रेश शर्मा ने चार लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला (साभार: आजतक)

आईपीएस ऑफिसर सुकृति माधव ने ट्विटर पर कांस्टेबल की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा,
'तम में प्रकाश हूं, कठिन वक़्त की आस हूं...एक अनमोल जीवन बचाने के लिए राजस्थान पुलिस के कांस्टेबल नेत्रेश शर्मा पर गर्व है. ये तस्वीर एक हजार शब्दों के बराबर है.'

 

7 अप्रैल तक कर्फ्यू रहेगा उधर, हिंसा प्रभावित राजस्थान के करौली में कानून व्यवस्था के हालात को देखते हुए 7 अप्रैल तक के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है. हालांकि 10वीं और 12वीं के एग्जाम के लिए प्रशासन ने व्यवस्था की है. स्टूडेंट अपना एडमिट कार्ड दिखाकर एग्जामिनेशन सेंटर तक पहुंच सकते हैं. लोगों को जरूरी खरीदारी के लिए दो घंटे की छूट भी दी जाएगी.
वहीं, भरतपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक प्रशन कुमार खमेसरा ने बताया कि करौली हिंसा में करीब 35 लोग घायल हुए हैं.  उनके मुताबिक हिंसा के बाद पुलिस ने 46 लोगों को गिरफ्तार किया है और सात अन्य को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है.

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