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5 साल में नहीं बन पाई कांग्रेस मुख्यालय की एक्कौ WALL

मनमोहन सिंह के रहते हुए जिसकी नींव रखी थी, वो काम मोदी के रहते भी पूरा नहीं हो पा रहा है. ;)

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राहुल गांधी की तरह ये कांग्रेस मुख्यालय भी जन्म से निर्माणाधीन है...

सुप्रीम कोर्ट का डंडा जब लगता है न गुरू. तब बड़े-बड़े नेता मुंह एंड मुख्यालय समेत बोरिया-बिस्तरा समेट लेते हैं. कुछ रोज पहले आपने बीजेपी के नए दफ्तर के मास्टरप्लान की तस्वीरें देखी होंगी. मोदी संग शाह ने गुरुवार को दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर नए बीजेपी दफ्तर की नींव रखी. नींव से याद आ रही है वो नींव, जो जैसी जन्मी थी, वैसी ही रह गई. राहुल गांधी. इस नाम के आगे लगे फुलस्टॉप को देख खराब नींव वाली लाइन को राहुल गांधी के लिए न समझिएगा. हम यहां राहुल गांधी की कांग्रेस की बात कर रहे हैं. कांग्रेस मुख्यालय 24 अकबर रोड भी शिफ्ट होना है. क्योंकि,
'सुप्रीम कोर्ट का आदेश है. जित्ती भी पॉलिटिकल पार्टीज हैं. वो सब लुटियन जोन के बाहर अपना दफ्तर ले जाएं. लुटियन जोन यानी वो इलाका, जहां राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत देश के टॉप लीडर रहते हैं.'
इसलिए ही बीजेपी भी अपना नया दफ्तर दिल्ली के ITO के पास बना रही है. शीशे की इमारत होगी. राजकुमार का डायलॉग याद आ रहा है, जिनके घर शीशे के होते हैं, वो दूसरों के घर पर पत्थर नहीं फेंका करते. बहरहाल, बैक टू सोनिया-राहुल की कांग्रेस. कांग्रेस ने 2011 में अपना मुख्यालय शिफ्ट करने की नींव रख दी थी. जगह थी 9 कोटला मार्ग. सोनिया गांधी ने 2011 में शिलान्यास किया था. अपने पूर्व वाले पीएम मनमोहन सिंह भी संग थे. तब कांग्रेस को दिल्ली में आईटीओ के करीब दीन दयाल उपाध्याय मार्ग (कोटला मार्ग के पास) पर ही करीब 8093 वर्ग गज का सरकारी प्लाट अलॉट हुआ. cong जब शिलान्यास हुआ था, तब दावा था कि इसे 3 साल में पूरा कर लिया जाएगा. लेकिन निर्माणाधीन राहुल गांधी की तरह इस कांग्रेस मुख्यालय का स्टेटस भी अब तक निर्माणाधीन ही बना हुआ है. अच्छा, कांग्रेस एक चीज में सही दिमाग लगा ले गई. ये मुख्यालय दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर है. उपाध्याय यानी वो नेता, जिसने भारतीय जनसंघ (अब की बीजेपी) की नींव रखी. कांग्रेस अब भारतीय जनसंघ यानी बीजेपी की नींव रखने वाले के नाम वाले रोड पर अपना मुख्यालय कैसे खोल सकती है. इसका निकाला एक जुगाड़. मुख्यालय के लिए जो जगह अलॉट हुई थी, उसका पीछे वाला गेट खुलवा दिया और उसे ही मेन गेट मान लिया. पर क्या फायदा, बनकर तो अब भी तैयार नहीं हुआ. rahul gandhi manerga सूत्र जरा इधर आइए कांग्रेसी सूत्रों के मुताबिक, हम तो तय वक्त पर काम पूरा कर लेते, लेकिन बिल्डिंग बनाने के लिए तमाम विभागों से एनओसी लेनी पड़ती है. हम हर काम तय वक्त पर और सही तरीके से करना चाहते हैं. इसलिए वक्त लग रहा है. दस्तावेज पूरे होते ही मीडिया को जानकारी देंगे. हमारा दफ्तर जल्द बनकर तैयार होगा. कांग्रेस के ट्रेजरर मोतीलाल वोरा ने कहा,

'1. देरी की वजह बताने के लिए ऑफिशियली प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. 2. हमने कोई देरी नहीं की है.'

यहां गौर करें, तो वोरा की पहली लाइन दूसरी लाइन को जीभ चिढ़ाती नजर आ रही है.