हिंदू महासभा नेता बाबूलाल चौरसिया के कांग्रेस में शामिल होने पर कांग्रेस पार्टी बटीं हुई नज़र आ रही है. (तस्वीर- सोशल मीडिया/ANI)
बाबूलाल चौरसिया. हिंदू महासभा के नेता हैं और मध्यप्रदेश के ग्वालियर में वार्ड नंबर-44 से पार्षद हैं. इन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया है. बात और विवाद सिर्फ एक हिंदू महासभा नेता के कांग्रेस में आने भर तक का नहीं है. बाबूलाल जिस वार्ड से पार्षद हैं, वहां महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का मंदिर बना था. बाबूलाल ने भी गोडसे की आरती उतारी थी. अब जब वे मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सीनियर नेता कमलनाथ की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हुए तो हंगामा होना स्वाभाविक था. BJP तो कांग्रेस पर निशाना साध ही रही है, कांग्रेस पार्टी भी इस मुद्दे पर बंटी हुई नज़र आ रही है.
क्या है पूरा मामला दरअसल हिंदू महासभा के नेता बाबूलाल चौरसिया 7 साल पहले कांग्रेस छोड़कर हिंदू महासभा में शामिल हो गए थे. वो फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. बाबूलाल ने 2017 में नाथूराम गोडसे का मंदिर बनवाया था और गोडसे की आरती उतारी थी.
मध्यप्रदेश कांग्रेस के ऑफिशियल ट्विटर से 24 फरवरी 2020 को ट्वीट कर ये जानकारी दी गई. लिखा -
"हिंदू महासभा के नेता कांग्रेस में शामिल. ग्वालियर के वार्ड-44 के पार्षद एवं हिंदू महासभा के नेता बाबूलाल चौरसिया आज प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ जी की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हुए. चौरसिया जी का कांग्रेस परिवार में स्वागत है."
क्या कहा कांग्रेस नेताओं ने इसके बाद कांग्रेस पार्टी के अंदर कई सुर सुनाई दिए. कुछ नेताओं ने बाबूलाल के कांग्रेस में एंट्री का खुलकर विरोध किया तो कुछ नेताओं ने इसका स्वागत भी किया है. इस बारे में जब 26 फरवरी को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह से जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा-
"कौन हैं बाबूलाल चौरसिया, कातिल विचारधारा जिसने महात्मा गांधी की हत्या की वो आज भी जिंदा है, हम इस पर शर्मिंदा हैं."
बाबूलाल के कांग्रेस जॉइन करने पर पार्टी के विधायक और दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने ट्वीट कर विरोध किया है. उन्होंने लिखा है-
"गोडसे के उपासकों के लिए सेंट्रल जेल उपयुक्त स्थान है,कांग्रेस पार्टी नहीं. गृह मंत्रालय भी गोडसे समर्थकों की गतिविधियों पर नज़र रखे तो उचित होगा."
वहीं कमलनाथ सरकार में मंत्री रह चुके और कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव उमंग सिंगार ने बाबूलाल चौरसिया का कांग्रेस पार्टी में स्वागत करते हुए ट्वीट किया-
"इंदिरा जी, राजीव जी के हत्यारों को गांधी परिवार ने माफ कर दिया. गांधी जी ज़िंदा होते तो गोडसे को भी माफ कर देते. महात्मा गांधी अमर हैं अमर रहेंगे. गोडसे की विचारधारा को त्याग कर जो भी गांधी जी की विचारधारा वाली पार्टी कांग्रेस में आ रहे हैं, वे सभी स्वागतयोग्य हैं."
भाजपा ने ली चुटकी BJP भी कांग्रेस की इस अंदरूनी लड़ाई पर चुटकी लेने में पीछे नहीं रही. मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा-
"गोडसे का पुजारी अब कांग्रेस की सवारी, इससे कांग्रेस का दोहरा चरित्र समझ में आता है."
वहीं चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस की कथनी और करनी में अंतर है. कांग्रेस राजनीतिक लाभ लेने के लिए कुछ भी कर सकती है.