चुनावों में आपने देखा होगा कि कई बार एक नाम के दो बंदे खड़े होते हैं. मकसद ये होता है कि लोग नाम में कंफ्यूज हो जाएं और इधर का वोट उधर हो जाए. सेम नाम वालों के साथ ऐसे गड़बड़झाले हो जाते हैं. अब क्लास में श्याम पांड़े बदमाशी करें और सज़ा श्याम उपधिया को मिल जाए तो ये सब स्कूल का मामला है, चल जाता है. लेकिन ये नाम की कंफ्यूजन जब बड़े कैनवस पर दिखती है तो किसी भी बगदादी को इस्लामिक स्टेट का आतंकी-इन-चीफ समझ लिया जाता है. ये वाला केस मामूली नहीं है. ईयाद-अल-बगदादी ऐसी ही परेशानी से जूझ रहे हैं. उनको मेलबॉक्स में कट्टरपंथी मुस्लिम नौजवानों के ढेरों मेल आते हैं जो ISIS से जुड़ने की इच्छा जताते हैं और इसका प्रोसेस जानना चाहते हैं. ये सब सिर्फ इसलिए क्योंकि उनका नाम ISIS चीफ अबू बकर-अल-बगदादी से मिलता है.
ईयाद ने मंगलवार को ट्वीट किया कि ‘मुझे इंडिया से लोगों के मेल आ रहे हैं कि ISIS कैसे जॉइन करें. मैं इंडिया में ये बात किसे रिपोर्ट करूं?’
ईयाद अल बगदादी पेशे से राइटर और एक्टिविस्ट हैं. फिलिस्तीन में जन्मे और अभी यूएई के नागरिक. 'अरब स्प्रिंग' मूवमेंट के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने मेल भेजने वाले भारतीयों के नाम और उनके मेल का कंटेंट नहीं बताया. हालांकि इंडिया की इंटेलिजेंस एजेंसियां काम पर लग गई हैं और ईयाद को मेल करने वालों को खोज रही हैं. उन्होंने ईयाद से इस बारे में और जानकारी जुटाने को कहा है.

मुम्बई पुलिस के एक ट्विटर हैंडल से भी इस मामले पर ट्वीट किया गया है. उन्होंने लिखा कि ‘इस मामले के बारे में बताने के धन्यवाद. हम इसकी जांच करेंगे.'
ईयाद ने ऐसी ही जानकारी डेढ़ महीने पहले भी दी थी. तब भी इंडिया की इंटेलिजेंस एजेंसियों ने उनसे बात की थी. लेकिन वे ना तो किसी मेल भेजने वाले संदिग्ध को पकड़ सके और ना ही इस बारे में कोई ज्यादा जानकारी मिली.
ईयाद बगदादी के साथ पहले भी नाम की वजह से लोचा हो चुका है. दिसंबर 2015 में उन्होंने दावा किया था कि ट्विटर ने मेरा अकाउंट सस्पेंड कर दिया. ट्विटर ने इस मामले पर कोई कमेंट नहीं किया था. ईयाद का कहना था कि यह उनके सरनेम के कारण हुआ था.