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AIIMS पश्चिम बंगाल की भर्ती में घोटाले का आरोप, केंद्रीय मंत्री समेत BJP के 8 नेताओं के खिलाफ FIR

पश्चिम बंगाल की CID ने इस कथित घोटाले की जांच शुरू कर दी है. केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार, बीजेपी सांसद जगन्नाथ सरकार, विधायक नीलाद्रि शेखर जैसे बड़े नेताओं पर लगे हैं आरोप.

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(बाएं) बंगाल एम्स की तस्वीर. (दाएं) बीजेपी विधायक नीलाद्रि शेखर (नीचे) और सांसद जगन्नाथ सरकार (ऊपर). (साभार- आजतक)

पश्चिम बंगाल स्थित ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) में कथित रूप से घोटाला होने की बात सामने आई है. ये AIIMS बंगाल के नादिया जिले के कल्याणी में है. इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक घोटाले का आरोप AIIMS में हुई भर्ती को लेकर लगाया गया है.

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क्या है मामला? 

खबर के मुताबिक सरीफुल इस्लाम नाम के शख्स ने बीते महीने ही एम्स में कथित घोटाले की FIR दर्ज कराई थी. इसमें केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार और सांसद जगन्नाथ सरकार सहित आठ भाजपा नेताओं के नाम शामिल हैं. भाजपा विधायक नीलाद्रि शेखर दाना और बंकिम चंद्र घोष का नाम भी FIR में लिखा गया है. आरोप लगाया गया कि इन नेताओं ने नादिया जिले के कल्याणी में केंद्र सरकार द्वारा संचालित मल्टीस्पेशलिटी एम्स अस्पताल में अपने परिचित लोगों को नियुक्त करने के लिए अपने पदों का दुरुपयोग किया.

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि विधायक नीलाद्रि शेखर दाना की बेटी को भर्ती परीक्षा में शामिल हुए बिना ही स्वास्थ्य संस्थान में 30,000 रुपये महीने की सैलरी पर डाटा एंट्री ऑपरेटर की नौकरी दी गई. शिकायत पर पश्चिम बंगाल की CID ने गुरूवार, 2 जून को जांच शुरू कर दी. उसके एक अधिकारी ने मामले पर जानकारी देते हुए अखबार को बताया-

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आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (आपराधिक विश्वासघात), 120 बी (आपराधिक साजिश) और 34 (एक समान इरादे से कई लोगों द्वारा किए गए काम) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. मामले में कई अन्य FIR भी दर्ज की गई हैं.

खबर के मुताबिक कल्याणी पुलिस ने गुरुवार को मामले से जुड़े दस्तावेज CID ​​को सौंपे हैं. इस बारे में CID ​​अधिकारी ने कहा-

हमने मामले से जुड़े दस्तावेज इकट्ठा कर लिए हैं. हम देखेंगे कि जांच कैसे आगे बढ़ाई जाए. ये फिलहाल शुरुआती चरण में है.

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राजनीति शुरू

मामले पर बीजेपी और टीएमसी के बीच राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है. बंगाल सरकार के मंत्री शशि पांजा ने ट्वीट करते हुए कहा,

PM नरेंद्र मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार के प्रति उनकी जीरो टॉलरेंस है और फिर भी भाजपा नेता भ्रष्टाचार की बात करते हैं. कोई आश्चर्य नहीं कि बंगाल के लोगों ने उन्हें और उनके एजेंडे को सिरे से खारिज कर दिया. 

वहीं BJP की तरफ से सांसद जगन्नाथ का बयान आया है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक उन्होंने कहा-

ये आरोप निराधार है. ये लोगों का ध्यान भटकाने की टीएमसी की कोशिश है और वो भाजपा को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. सरकारी स्कूलों में अवैध भर्तियों को लेकर टीएमसी के मंत्री, सांसद, विधायक CBI की जांच के घेरे में हैं.

 अगर CBI भर्तियों में पैसे के लेन-देन या भ्रष्टाचार साबित करने में सक्षम हैं तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा.

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