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भारत के एयर डिफेंस सिस्टम IADWS का कायल हुआ चीन, लेजर हथियार को बताया 'बड़ी प्रगति'

जितने देशों के पास Laser Based Direct Energy Weapon है, उससे अधिक देशों के पास को Nuclear हथियार हैं. भारत के अलावा अमेरिका, रूस, चीन और इजरायल जैसे विकसित देशों के पास लेजर हथियार हैं. यही वजह है कि चीन का ध्यान इसपर गया है.

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IADWS एक तीन स्तरों वाला एयर डिफेंस सिस्टम है (PHOTO- DRDO/X)

वो पड़ोसी ही क्या जो आपकी उपलब्धियों पर आपकी तारीफ कर दे. आपके घर में नया टीवी भी आए तो वो कहेगा 'इसमें वो वाला एक जो बटन होता है, वो नहीं है. लल्लन के पापा जो लाए हैं वो एकदम बढ़िया है.' कुछ ऐसा ही है भारत का पड़ोसी देश चीन. भारत का किसी भी क्षेत्र में प्रगति करना उसे खटकता रहा है. हाल ही में भारत ने अपने स्वदेशी इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस वेपन सिस्टम (IADWS) का सफल टेस्ट किया है. अब चीन को लगता है कि भारत की मंशा उसे डराने या उसके हितों को नुकसान पहुंचाने की है. लेकिन उसे ये भी पता है कि एक ही जमीन है जहां भारत-चीन के हित टकराते हैं. वो है पाकिस्तान. लेकिन इस बार ट्रेंड से इतर चीन ने भारत के IADWS की तारीफ की है. उसने इसे 'रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति' बताया है. तो समझते हैं कि क्या कहा है चीन ने और क्यों IADWS रक्षा के क्षेत्र में इतना महत्वपूर्ण है.

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IADWS के तीन सिस्टम, तीनों दमदार

बीजिंग से प्रकाशित होने वाली एयरोस्पेस नॉलेज मैगजीन के मुख्य संपादक वांग यानान ने चीन के सरकारी समाचार ग्लोबल टाइम्स को एक इंटरव्यू दिया है. इंटरव्यू के दौरान उन्होंने DRDO द्वारा बनाए गए भारत के स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम की तारीफ की है. उन्होंने IADWS के तीनों सिस्टम्स ; QRSAM, VSHORADS और लेजर आधारित हथियार डायरेक्ट एनर्जी वेपन पर बात की.

वांग यनान ने इस दौरान इस तरह के एयर डिफेंस सिस्टम्स की कार्यप्रणाली पर भी बात की. उन्होंने बताया कि इस तरह के सिस्टम्स में 'डेटा फ्यूजन' का रोल बहुत ही अहम होता है. डेटा फ्यूजन वो तकनीक है जो कई तरह के हथियारों और उनके रडार/सेंसर्स को मिल रही जानकारी को एक जगह इकट्ठा कर के प्रोसेस करती है. इससे वेपन ऑपरेटर और वेपन, दोनों को जल्द से जल्द सटीक हमला करने में सहूलियत मिलती है. 

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इस पूरी बातचीत के दौरान वांग सबसे ज्यादा भारत के डायरेक्ट एनर्जी वेपन को लेकर उत्साहित दिखे. उन्होंने कहा कि QRSAM और VSHORADS तकनीकी रूप से कुछ खास नहीं हैं. पूरी दुनिया के कई देश ऐसे सिस्टम्स का इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन लेजर आधारित डायरेक्ट एनर्जी वेपन वाकई भारत के रक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रगति है. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि रक्षा के क्षेत्र में ये एक बहुत ही दुर्लभ हथियार हैं. इसका अंदाजा ऐसे लगाइए कि जितने देशों के पास लेजर आधारित डायरेक्ट एनर्जी वेपन है, उससे अधिक देशों के पास को न्यूक्लियर हथियार हैं. भारत के अलावा अमेरिका, रूस, चीन और इजरायल जैसे विकसित देशों के पास लेजर हथियार हैं.

क्या है IADWS?

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने 23 अगस्त, 2025 को ओडिशा के तट पर दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस वेपन सिस्टम (IADWS) का सफल परीक्षण किया है. IADWS एक मल्टी लेयर्ड यानी कई परतों वाला एयर डिफेंस सिस्टम है जिसमें एक क्विक रिएक्शन सर्फेस टू एयर मिसाइल (QRSAM), कम दूरी की मिसाइलें (VSHORADS) और एक उच्च शक्ति वाला लेजर वेपन सिस्टम (Direct Energy Weapon) है.

(यह भी पढ़ें: DRDO का IADWS टेस्ट सफल, दुश्मन के ड्रोन से लेकर मिसाइल तक हवा में ही तबाह हो जाएंगे)

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IADWS कोई एक सिंगल सिस्टम नहीं बल्कि तीन अलग तरह के मिसाइल डिफेंस सिस्टम का कॉम्बिनेशन है. समें एक क्विक रिएक्शन सर्फेस टू एयर मिसाइल (QRSAM), कम दूरी की मिसाइलें (VSHORADS) और एक उच्च शक्ति वाला लेजर वेपन सिस्टम (Direct Energy Weapon) शामिल है.

वीडियो: भारतीय वायुसेना ने किया 'आकाश एयर डिफेंस सिस्टम' का सफल परीक्षण

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