चीनी विदेश मंत्री वांग यी अपनी दो दिवसीय यात्रा के लिए भारत आ रहे हैं. इस दौरान वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात करेंगे. यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब भारत और चीन लंबे समय से चल रहे सीमा विवाद को हल करने के प्रयास कर रहे हैं और द्विपक्षीय व्यापार संबंधों पर भी चर्चा की आवश्यकता है.
चीनी विदेश मंत्री वांग यी भारत दौरे पर: सीमा तनाव और अमेरिकी टैरिफ पर चर्चा, पीएम मोदी से भी मुलाकात
Wang Yi India Visit: चीनी विदेश मंत्री की यह यात्रा ऐसे महत्वपूर्ण समय पर हो रही है. जब दोनों देश लंबे समय से चले आ रहे सीमा तनाव को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं.

बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, वांग यी अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे.
- 18 अगस्त: वांग यी नई दिल्ली पहुंचेंगे और उसी शाम हैदराबाद हाउस में विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात करेंगे. बैठक में व्यापार, सुरक्षा और क्षेत्रीय सहयोग समेत भारत-चीन संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा होगी.
- 19 अगस्त: सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के विशेष प्रतिनिधियों की 24वीं बैठक हैदराबाद हाउस में सुबह 11 बजे होगी. इसी दिन वांग यी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी मुलाकात करेंगे.
- 19 अगस्त शाम: 7 लोक कल्याण मार्ग पर प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात. बैठक में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार होगा. इसमें अमेरिका द्वारा दोनों देशों पर लगाए गए उच्च टैरिफ (High Tariff) और व्यापार घाटे को लेकर भी चर्चा की संभावना है.
- 20 अगस्त: अपनी सभी बैठकें समाप्त करने के बाद वांग यी नई दिल्ली से प्रस्थान करेंगे.
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर उच्च टैरिफ लगाने के बाद, भारत ने रूस और चीन के साथ अपने राजनीतिक और आर्थिक संबंधों को और मजबूत करना शुरू कर दिया है. व्यापार, ऊर्जा और रक्षा सहयोग के क्षेत्रों में नई पहल की गई हैं, जिससे भारत की मास्को और बीजिंग के साथ नजदीकियां बढ़ रही हैं. इस दौरे में इसी रणनीतिक समन्वय और व्यापारिक संतुलन को आगे बढ़ाने की कोशिश की जा सकती है.
प्रधानमंत्री मोदी 31 अगस्त और 1 सितंबर को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. इस दौरान वे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे. यह SCO के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पीएम मोदी की सात सालों में पहली यात्रा होगी. सम्मेलन में 20 से अधिक देशों के नेता और 10 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद होंगे.
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सीमा तनाव का पृष्ठभूमि2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़पों के बाद भारत-चीन संबंधों में गंभीर तनाव आया था. पिछले अक्टूबर में सीमा पर गश्त के संबंध में हुए समझौते के बाद से दोनों देशों के बीच सुधार की प्रक्रिया शुरू हुई है. इस दौरे में व्यापार, सुरक्षा और अमेरिकी टैरिफ समेत कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत होने की उम्मीद है.
वीडियो: एस जयशंकर से मिलने वाले चीनी अधिकारी को उनके देश में ही डिटेन कर लिया गया