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संस्कारी इंडियन लड़कियां ब्रा नहीं पहनतीं, ये रहा प्रूफ

'सविता भाभी' ट्विटर के ट्रेंड में शामिल रहा, थैंक्स टू पहलाज निहलानी.

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फोटो - thelallantop
नित्य मेहरा के डायरेक्शन में सिद्धार्थ मल्होत्रा और कटरीना कैफ वाली फिल्म 'बार बार देखो' को U/A सर्टिफिकेट मिल गया है. लेकिन उसके लिए सेंसर बोर्ड ने दो बहुत बड़े अड़ंगे लगा दिए. फिल्म में एक सीन है, जिसमें ब्रा दिखाई गई है. सेंसर बोर्ड ने वो सीन काटने के लिए कह दिया है. एक जगह पर 'सविता भाभी' का ज़िक्र है. वो सीन भी काटने को कहा है. और इस वजह से 'सविता भाभी' ट्विटर के ट्रेंड में शामिल रहा, थैंक्स टू पहलाज निहलानी.
ब्रा. लोगों की भीड़ में कह दो, तो बहुत सारे लोग असहज हो जाते हैं. फिल्म में ब्रा देखकर पहलाज जी भी असहज हो गए होंगे. बगल में बैठे लोगों से नज़रें नहीं मिला पा रहे होंगे. वो नहीं चाहते होंगे कि कोई और भी ऐसा फील करे. इसलिए उन्होंने वो सीन ही हटवा दिया. ब्रा भी कोई फिल्म में दिखाने की चीज़ होती है. संस्कारी लड़कियां ब्रा थोड़े ही पहनती हैं. ब्रा 'गंदी' लड़कियां पहनती होंगी. इसीलिए हमारा 'संस्कारी' सेंसर बोर्ड उस अनसंस्कारी चीज़ को फिल्म से हटा देना चाहता है. क्योंकि हम फ़िल्में देखकर ही तो बिगड़ते हैं. फिल्म में ब्रा नहीं दिखेगी तो अच्छी लड़कियां बिगड़ेंगी नहीं. और लड़कों का भी कौमार्य भंग नहीं होगा. दूसरा ज़िक्र है सविता भाभी का. ये मत पूछ लेना कौन सविता भाभी. क्योंकि इतने भोले तो आप भी नहीं हो. सविता भाभी एक पॉर्न कैरेक्टर है. एक NRI ने बनाया था. नाम था देशमुख. एक बार दोस्तों के साथ शराब पी रहा था. बात आ गई सेक्स और औरतों की. किसी फिरंगी दोस्त ने कह दिया, इंडियन औरतों को दुनिया में सबसे ज्यादा सेन्शुअल माना जाता है. लेकिन फिर भी हमें कोई 'हॉट' इंडियन पॉर्न स्टार नहीं मिलती. देशमुख की देशभक्ति जाग उठी. उसने डिजाइन कर दी सविता भाभी. savita bhabhi सविता भाभी गुजराती हाउसवाइफ हैं. इनके पति इनकी तरफ ध्यान नहीं देता. सविता भाभी की भी सेक्शुअल ज़रूरतें हैं. इसलिए वो अपने अड़ोस-पड़ोस में रहने वाले, हर आने-जाने वाले से अफेयर चलाती हैं. कुल मिलाकर सविता भाभी 'भारतीय संस्कृति' में मानी गई 'पवित्र' औरतों से बिल्कुल उलट हैं. इसलिए सविता भाभी 'गंदी' हैं. 'घटिया' हैं. और किसी फिल्म में उनका ज़िक्र भी कर लेना पूरी फिल्म को 'एडल्ट फिल्म' बना देता है. सविता भाभी हैरी पॉटर वाले वोल्डामोर्ट जैसी हैं. जिनका नाम नहीं लिया जाना चाहिए. खासकर किसी साफ़-सुथरी बॉलीवुड फिल्म में तो बिलकुल भी नहीं. क्योंकि ऐसा करना आपकी फिल्म को 'पॉर्न' 'बहुत पॉर्न' बना सकता है.

वेल डन पहलाज जी. आपने एक बार फिर हमारी 'भारतीय संस्कृति' को गंदा होने से बचा लिया.


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