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ब्रिटिश फ़ोर्स कमाल रे कि अंखियों से गोली मारे!

ब्रिटिश फोर्सेज को ये आइडिया पाकिस्तान ओरिजिन के इंटेलिजेंस अफसर ने दिया कि ISIS के खिलाफ हिंदी गानों को हथियार बनाकर इस्तेमाल करो.

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ISIS
तुम कहोगे कि अगला तलवार लेकर आए तो उसका सामना गिटार से करने वाला बेवकूफ है. लेकिन ब्रिटिश स्पेशल फोर्सेज का यही प्लान है. वो ISIS को ठिकाने लगाने के लिए बॉलीवुड म्यूजिक को हथियार की तरह इस्तेमाल करेंगी. पाकिस्तानी ओरिजिन के ब्रिटिश इंटेलिजेंस अफसर की सलाह पर ये काम किया जा रहा है. दरअसल लीबिया के 'सिरते' में ISIS ने पिछले 20 महीनों से आतंक मचा रखा है. ब्रिटिश फोर्सेज को उनसे निपटने में खासी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है. तो एक अफसर ने आइडिया दिया कि उनपर साइकोलॉजिकल हथियार इस्तेमाल किया जाए. और वो हथियार होगा हिंदी फिल्मों के गाने.
"क्योंकि ISIS जिस सुन्नी इस्लामीकरण की लड़ाई का दावा कर रहा है, उसमें संगीत हराम है. शरीयत के हिसाब से. तो हिंदी गानों की ट्यून उनके लिए खतरनाक साबित होगी."
ऐसा दावा किया था उस अफसर ने. इसी तैयारी के तहत सिरते में दो कारें खड़ी कर दी गईं. उनमें फुल वॉल्यूम में हिंदी गाने बजाकर. ब्रिटिश फोर्स वहां खुद लड़ाई नहीं कर रही है. बल्कि लीबिया की फौज को ट्रेनिंग दे रही हैं कि कैसे ISIS से लड़ना है.

लल्लन कहिस

हालांकि पहली नजर में इस खबर को पढ़कर हिंदी गानों के प्रेमियों की भावनाएं आहत हो सकती हैं. लेकिन उनको ये समझना चाहिए कि ये गाने जो किसी को सुकून पहुंचाते हैं. वही किसी का सुकून छीन भी सकते हैं. ISIS का काम तो दोनों तरह से खतम हो जाएगा. अगर वो म्यूजिक के सामने सरेंडर कर दिए तब लड़ाई खत्म. अगर वो इसे एंजॉय करने लगे तब तो इंसान बन जाएंगे. हम अपनी तरफ से उनको एक गाना सुझा सकते हैं. इसके आगे टेररिस्ट खड़ा नहीं रह पाएगा. नाचने लगेगा. https://www.youtube.com/watch?v=vnlk8V-q0oU

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