ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा (Britain, Australia and Canada). इन तीनों देशों को अमेरिका का बड़ा सहयोगी माना जाता है. लेकिन 21 सितंबर को इन तीनों देशों ने अमेरिका के स्टैंड के विरुद्ध एक बड़ा कदम उठाया है. इन तीनों देशों ने एक स्वतंत्र और संप्रभु फिलिस्तीन (Recognition of Palestine) को मान्यता दे दी है. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) को इन देशों का ये कदम बिल्कुल भी पसंद नहीं आया. उन्होंने कहा कि ये कदम 7 अक्टूबर (October 7 Attack) को इजरायल (Israel) पर किए गए हमले के लिए हमास (Hamas) को पुरस्कृत करने जैसा है.
'US से लौटने के बाद सबको दूंगा जवाब... ', फिलिस्तीन पर तीन बड़े देशों के फैसले से चिढ़े नेतन्याहू
Israel के प्रधानमंत्री Benjamin Netanyahu को Britain, Australia and Canada का फैसला बिल्कुल भी पसंद नहीं आया है. उन्होंने कहा कि ये कदम Israel पर किए गए हमले के लिए Hamas को पुरस्कृत करने जैसा है.


लेकिन ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा का फिलिस्तीन को मान्यता देने पर बेंजामिन नेतन्याहू बुरा भड़क गए. उन्होंने इन तीनों देशों को कहा,
कोई फिलिस्तीनी स्टेट नहीं होगा. हमारी जमीन के बीच में एक आतंकवादी देश को थोपने की इस नई कोशिश का जवाब अमेरिका से लौटने के बाद दिया जाएगा. 7 अक्टूबर के भयावह नरसंहार के बाद फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने वाले नेताओं के लिए मेरा एक स्पष्ट संदेश है, आप आतंक को भारी इनाम दे रहे हैं. और मेरे पास आपके लिए एक और संदेश है कि ऐसा नहीं होने वाला. जॉर्डन नदी के पश्चिम में कभी कोई फिलिस्तीनी राज्य नहीं होगा.
फिलिस्तीनी राज्य के प्रति अपने लंबे समय से चले आ रहे विरोध को दोहराते हुए, नेतन्याहू ने वेस्ट बैंक के इलाके में इजरायली बस्तियों जिन्हें सेटलमेंट्स कहा जाता है, उनका विस्तार जारी रखने की कसम खाई.
किस देश ने क्या कहा?ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने एक्स पर एक पोस्ट कर लिखा कि आज फिलिस्तीनियों और इजरायलियों के लिए शांति की आशा को फिर से जिंदा करने और टू-स्टेट सॉल्यूशन के लिए, यूनाइटेड किंगडम औपचारिक रूप से फिलिस्तीन राज्य को मान्यता देता है. वहीं कनाडा के पीएम मार्क कार्नी ने कहा कि कनाडा फिलिस्तीन राज्य को मान्यता देता है तथा फिलिस्तीन राज्य और इजरायल, दोनों के लिए शांतिपूर्ण भविष्य के निर्माण में अपनी भागीदारी की पेशकश करता है.
वहीं ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनीज ने इस मौके को ऐतिहासिक बताते हुए एक्स पर लिखा,
आज की मान्यता की कार्रवाई टू-स्टेट सॉल्यूशन के प्रति ऑस्ट्रेलिया की लंबे समय से चली आ रही प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो हमेशा से इजरायल और फिलिस्तीनी लोगों के लिए स्थायी शांति और सुरक्षा का एकमात्र मार्ग रहा है.
पीएम अल्बनीज ने आगे कहा कि ऑस्ट्रेलिया आज की मान्यता देने के कार्य को आगे बढ़ाने तथा मिडिल-ईस्ट को स्थायी शांति और सुरक्षा के करीब लाने के लिए अपने अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों के साथ काम करना जारी रखेगा. इन देशों के इस कदम को फिलिस्तीन के लिए एक बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है. हालांकि फिलिस्तीन राज्य का नक्शा क्या होगा, उसकी रूपरेखा कैसी होगी? ये तय होना अभी बाकी है.
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