The Lallantop

'बॉर्नविटा 'हेल्थ ड्रिंक' नहीं'...सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया है

Ministry of Commerce and Industry ने 'Health Drink' को लेकर एक नोटिफिकेशन जारी किया है. जिसमें ई-कॉमर्स कंपनियों से अपने प्लेटफॉर्म और वेबसाइट से Bournvita सहित दूसरी ड्रिंक्स को 'हेल्थ ड्रिंक' की कैटेगरी से हटाने का आदेश दिया गया है.

post-main-image
Bournvita को 'हेल्थ ड्रिंक' की कैटेगरी से हटाने का आदेश. (फोटो- istock)

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय (Ministry of Commerce and Industry) ने 'हेल्थ ड्रिंक' को लेकर एक नोटिफिकेशन जारी किया है. मंत्रालय ने सभी ई-कॉमर्स कंपनियों से अपने प्लेटफॉर्म और वेबसाइट से बॉर्नविटा (Bournvita) सहित कुछ अन्य पेय पदार्थों को 'हेल्थ ड्रिंक' की कैटेगरी से हटाने का आदेश दिया है.

'Proprietary food' की कैटेगरी क्या है?

दरअसल, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने अपनी जांच में पाया है कि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) और Mondelez India Food Pvt Ltd (बॉर्नविटा बनाने वाली कंपनी) ने जो मानक तय किए थे, उसके हिसाब से बॉर्नविटा ‘हेल्थ ड्रिंक’ की कैटेगरी में फिट नहीं बैठता. लेकिन फिर भी ई-कॉमर्स कंपनियां इस पर ‘हेल्थ ड्रिंक’ का लेबल लगाकर बेच रही हैं. इंडिया टुडे की रिपोर्ट  के मुताबिक FSSAI ने जांच में ये भी पाया कि डेयरी ड्रिंक, अनाज वाले ड्रिंक और फर्मेंटेड ड्रिंक (Malt drink) को 'Proprietary food' की कैटेगरी में लाइसेंस मिला है. लेकिन ई-कॉमर्स कंपनियां इन्हें भी 'एनर्जी' या 'हेल्दी ड्रिंक' बताकर बेच रही हैं.

'Proprietary food' की कैटेगरी में वो सभी खाद्य उत्पाद शामिल हैं. जिन्हें खाद्य सुरक्षा और मानक विनियम, 2011 के तहत  प्रमाणित नहीं किया गया है.

ये भी पढ़ें- क्या ई-कॉमर्स कंपनियों से अब सारी चीज़ें सभी जोन में ऑनलाइन मंगा सकते हैं?

'हेल्थ ड्रिंक' शब्द परिभाषित नहीं - FSSAI 

FSSAI ने साफ तौर पर बताया है कि FSS अधिनियम 2006 के तहत 'हेल्थ ड्रिंक' शब्द को अभी तक परिभाषित ही नहीं किया गया है.  इसलिए, सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को सलाह दी गई है कि वो अपनी वेबसाइटों पर ऐसी सभी ड्रिंक्स को 'हेल्थ ड्रिंक/एनर्जी ड्रिंक' की कैटेगरी से हटाकर उचित कैटेगरी में डालकर सुधार करें. इससे पहले 2 अप्रैल को FSSAI ने भी सभी ई-कॉमर्स कंपनियों से अपनी वेबसाइट्स पर बेचे जाने वाले फूड प्रोडक्ट्स को उचित कैटेगरी में डालने को कहा था.

बॉर्नविटा पर पहले भी लगे आरोप

NCPCR को पहले भी बॉर्नविटा को लेकर शिकायत मिल चुकी है. रेवंत हिमतसिंगका नाम के शख्स ने वीडियो जारी कर के आरोप लगाया था कि बॉर्नविटा खुद को बच्चों की ग्रोथ और विकास में सुधार करने वाले 'हेल्थ ड्रिंक' के रूप में दिखाता है. लेकिन इसमें चीनी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. शिकायत में कहा गया कि इस उत्पाद में और भी ऐसे पदार्थ होते हैं, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है.

इसके बाद NCPCR ने इस मामले में मोंडेलेज को नोटिस भेजा था. आयोग ने कंपनी से विस्तृत जानकारी मांगी थी. हालांकि मोंडेलेज ने सभी आरोपों को गलत बताया. रेवंत के खिलाफ लीगल नोटिस जारी होने के बाद उन्होंने अपना वीडियो डिलीट कर दिया था.  

वीडियो: ऐमज़ॉन और फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों के 'फ़्लैश सेल' पर रोक लगा रही है सरकार