पाकिस्तान: पेशावर ब्लास्ट में मरने वालों की संख्या 45 तक पहुंची
धमाके से पहले हमलावरों की गोलीबारी में एक पुलिसकर्मी की भी मौत हो गई.
पाकिस्तान के पेशावर शहर स्थित एक मस्जिद में शुक्रवार 4 मार्च को एक जबर्दस्त ब्लास्ट हुआ. पहले इस धमाके में 30 लोगों के मारे जाने की खबर थी. अब अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक मृतकों का आंकड़ा 45 तक पहुंच गया है. वहीं 65 लोगों के घायल होने की जानकारी सामने आई है. इनमें से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है. खबरों के मुताबिक जिस मस्जिद में धमाका हुआ उसका नाम कूचा रिसालादार नाम है. ब्लास्ट के समय काफी संख्या में लोग वहां जुमे की नमाज के लिए इकट्ठा हुए थे. बताया गया है कि धमाके से पहले मस्जिद में गोलीबारी भी हुई. पाकिस्तान के प्रमुख अखबारों में से एक द डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, इस गोलीबारी में एक पुलिसकर्मी की भी मौत हो गई और एक घायल हो गया. अखबार ने पेशावर के सिटी पुलिस ऑफिसर इजाज अहसान के हवाले से बताया कि दो हमलावरों ने मस्जिद में घुसने की कोशिश की थी. इसी दौरान उन्होंने गोलियां चलाईं, जिसके जवाब में पुलिस ने भी गोलीबारी की. अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी एएफी ने पेशावर पुलिस के हवाले से बताया है कि पुलिस की जवाबी गोलीबारी में एक हमलावर भी ढेर हुआ है. बाद में दूसरे हमलावर ने मस्जिद के अंदर जाकर धमाका कर दिया. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, उस समय मस्जिद के अंदर कम से कम 150 लोग थे.
खबर लिखे जाने तक किसी संगठन ने इस हमले और धमाके की जिम्मेदारी नहीं ली थी. द डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, पेशावर पुलिस ने ट्वीट कर बताया है कि घटनास्थल से सबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं. फिलहाल इस बारे में ज्यादा कुछ कहा नहीं जा सकता है. एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, घायलों को पेशावर के लेडी रीडिंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अस्पताल को रेड अलर्ट पर रख दिया गया है और अतिरिक्त स्वास्थ्यकर्मियों को अस्पताल में बुलाया गया है.
अफगानिस्तान से जुड़े हमले के तार?
पेशावर के जिस इलाके में ये धमाका हुआ है, वो पाकिस्तान-अफगानिस्तान बॉर्डर पर स्थित है. इस्लामिक स्टेट और पाकिस्तानी तालिबान लगातार यहां बम धमाके करते रहे हैं. शुक्रवार को हुए धमाके के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इसकी कड़े शब्दों में निंदा की और घायलों के तुरंत इलाज का आदेश दिया. वहीं पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद ने पेशावर के मुख्य सचिव और इंस्पेक्टर जनरल से रिपोर्ट देने को कहा है. रिपोर्टों के मुताबिक इस मस्जिद में ज्यादातर शिया समुदाय के मुस्लिम नमाज पढ़ने आते हैं. पाकिस्तान में शिया समुदाय के लोगों पर इस तरह के आतंकवादी हमले होते रहे हैं. बीते कुछ महीनों में पाकिस्तान में हिंसक हमलों की घटनाओं में इजाफा हुआ है. इनमें अफगानिस्तान बॉर्डर पर बने मिलिट्री ऑउटपोस्ट्स पर हुए हमले भी शामिल हैं. इन हमलों में कई पाकिस्तानी सैनिकों और सुरक्षाकर्मियों की जान गई है. विश्लेषकों का कहना है कि पिछले साल अगस्त में अफगानिस्तान में तालिबान का शासन लौटने के बाद से इस तरह के हमलों में तेजी से इजाफा हुआ है. मौजूदा सरकार का भी मानना है कि इन हमलों के पीछे पाकिस्तानी तालिबान का हाथ है, जो अफगानिस्तान को अपना बेस बनाकर पाकिस्तान पर हमले करवा रहा है. पाकिस्तन की सरकार ने अफगानिस्तान स्थित तालिबानी शासकों से कहा है कि वो इन हमलावरों को उसके हवाले करें.