एयर इंडिया प्लेन क्रैश की जांच (Air India Plane Crash Investigation) को लेकर अहम जानकारी सामने आई है. जांच में शुरुआती ध्यान पायलटों के एक्शन और विमान के फ्यूल कंट्रोल स्विचों पर दिया जा रहा है. अमेरिकी मीडिया में छपी एक रिपोर्ट में ईंधन पहुंचाने वाले स्विचों को लेकर अहम दावा किया गया है. उम्मीद जताई गई है कि शुरुआती रिपोर्ट जल्द आ सकती है.
क्या फ्यूल स्विच बंद होने से हुआ एयर इंडिया प्लेन क्रैश? जांच का एंगल बदल गया, जल्द आएगी रिपोर्ट
Air India Plane Crash Investigation: अमेरिकी मीडिया में छपी एक रिपोर्ट में प्लेन के इंजन में ईंधन पहुंचाने वाले स्विचों को लेकर अहम दावा किया गया है. साथ ही पारदर्शिता को लेकर भारत और अमेरिका के बीच कुछ खटपट भी सामने आई है.

वॉल स्ट्रीट जनरल में छपी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि विमान के दोनों इंजनों में ईंधन पहुंचाने वाले स्विच बंद पाए गए. माना जा रहा है कि इसकी वजह से टेकऑफ के कुछ देर बाद थ्रस्ट (टेकऑफ के दौरान विमान को उड़ने में मदद करता है) कम हो गया और विमान गिर गया. ईंधन पहुंचाने वाले स्विच आमतौर पर उड़ान के दौरान चालू रहते हैं. लेकिन फिलहाल यह साफ नहीं है कि ये स्विच गलती से बंद किए गए या जानबूझकर? और क्या इन्हें दोबारा चालू करने की कोशिश की गई थी या नहीं?

रिपोर्ट के मुताबिक, अगर स्विच बंद थे तो हो सकता है कि इसी वजह से विमान का इमरजेंसी बिजली सप्लाई सिस्टम चालू हो गया हो. इस सिस्टम को रैम एयर टरबाइन (RAT) कहा जाता है. यह अमूमन तब खुद-ब-खुद ऑन हो जाता है जब विमान के इंजन में दिक्कत हो. जब यह ऑन होता है उस दौरान पायलट मैनुअल तरीके से इंजन को स्टार्ट करने की कोशिश करता है. लेकिन असल में हुआ क्या था, यह अभी साफ नहीं है.
इसके अलावा ऐसा भी कोई संकेत नहीं मिला है कि बोइंग-787 ड्रीमलाइनर विमान में कोई तकनीकी खामी थी. साफ कर दें कि अमेरिकी मीडिया में छपी रिपोर्ट में ये दावे जांच में शामिल अमेरिकी अधिकारियों से जुड़े कुछ लोगों के हवाले से किए गए हैं.
शुरुआती जांच ईंधन कंट्रोल स्विच पर आधारित है. लेकिन ये अंतिम निष्कर्ष नहीं है. अक्सर विमान हादसों की जांच में एक साल तक का समय लग सकता है. ऐसे में कई बार शुरुआती आकलन बाद में बदल भी सकते हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक अब तक अमेरिकी अधिकारियों की शुरुआती जांच से ऐसा नहीं लग रहा कि विमान के मॉडल या उसके इंजन में कोई खराबी थी. न ही विमान बनाने वाली कंपनी या अमेरिका की विमानन सुरक्षा एजेंसी FAA ने बोइंग विमान को लेकर कोई चेतावनी या निर्देश जारी किए हैं. आमतौर पर अगर जांच में कोई गड़बड़ी पाई जाती है, और अगर वो डिजाइन से जुड़ी है या मेंटेनेंस से है, तो भी उसे जांचने या बदलने के निर्देश जारी किए जाते हैं. लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ है.
रिपोर्ट के मुताबिक पारदर्शिता को लेकर भारत और अमेरिका के बीच कुछ खटपट भी सामने आई है. कहा गया है कि अमेरिकी अधिकारियों ने ब्लैक बॉक्स का डेटा जल्दी साझा न किए जाने पर नाराजगी जताई है. मामला इतना बढ़ा कि NTSB ने जांच से खुद को अलग करने की धमकी भी दी थी. लेकिन बाद में उन्होंने मदद जारी रखी.
वीडियो: क्या बंद हो गया था Fuel Control Switch? कैसे हुआ एयर इंडिया प्लेन क्रैश?