उत्तर प्रदेश में 9 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के दौरान बुर्के और पहचान पत्र के मसले पर सियासत छिड़ गई. पुलिसकर्मियों पर आरोप लगे कि उन्होंने निर्देशों के बावजूद वोटर्स के आईडी कार्ड चेक किए. जिसके बाद आधा दर्जन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया. अब बीजेपी नेता माधवी लता का इस पर बयान आया है. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या मुंह ढंक कर वोट डालना संविधान में लिखा है?
यूपी उपचुनाव पर BJP की माधवी लता बोलीं, "बुर्के में वोटिंग संविधान में कहां है..."
बीजेपी नेता Madhavi Lata ने वोटिंग के दौरान बुर्के को लेकर मचे विवाद पर बयान दिया है. उन्होंने सवाल उठाए कि क्या मुंह ढंक कर वोट डालना संविधान में लिखा है?

'बात केवल बुर्के की नहीं'
लोकसभा चुनाव में हैदराबाद से बीजेपी की प्रत्याशी रहीं माधवी लता 20 नवंबर को छत्तीसगढ़ में थीं. यहां उन्होंने एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बात की. इस दौरान उन्होंने मतदान और बुर्के से जुड़े सवाल पर जवाब दिया. माधवी ने कहा ,
“ये लोग संविधान बचाने का जो नारा लगाते हैं. आप उनसे एक ही सवाल कीजिए. क्या संविधान में मुंह ढंक कर वोट डालना लिखा है? उनको भाजपा से लड़ने का जो डर लग गया है, वो ये डर को जीतने के लिए संविधान को तोड़ने पर तुले हैं. तो प्रजा को भी यह बात समझनी चाहिए कि जो लोग संविधान को तोड़ सकते हैं वो लोग भारत के वासियों को बिगाड़ सकते हैं."
उन्होंने आगे कहा,
“बात बुर्के की नहीं है. मुंह ढंक कर वोट डाल कर संविधान को तोड़ने में जो मज़ा आ रहा है. तब तो घूंघट पहनना हमारे में भी प्रथा है. क्या हम भी घूंघट पहनकर निकल जाएं? मुंह न दिखाएं? इनको इन सब चीज़ों से मतलब नहीं है कि मुंह ढंकने के पीछे औरत है या पुरुष है, अपना देशवासी है या कोई बांग्लादेश या पाकिस्तान से आकर वोट डाल रहा है. तो इसका मतलब ये हुआ कि ये लोग हिंदू, हिंदुत्व और भारत को बेचने पर तुले हुए हैं. ऐसे लोगों को जितना जल्दी भारत से निकालो देश उतना जल्दी आगे बढ़ेगा.”
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लोकसभा चुनाव में माधवी लता को वोटर्स आईडी चेक करते देखा गयाअसदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ बीजेपी ने माधवी लता को लोकसभा चुनाव में उतारा था. 13 मई, 2024 को हैदराबाद में वोटिंग के दिन एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें माधवी लता को वोटर्स की आईडी कार्ड चेक करते देखा गया. इसको लेकर उनके खिलाफ धारा 171सी, 186, 505(1)(सी) और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 132 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
माधवी लता ने इस मसले पर भी अपनी सफाई दी थी. आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा था कि वे एक प्रत्याशी हैं और कानून के मुताबिक उन्हें अपने क्षेत्र के मतदाताओं के वोटर आईडी कार्ड देखने का अधिकार है. माधवी का मानना था कि अगर कोई इस घटना को बड़ा मुद्दा बनाना चाहता है तो इसका मतलब साफ है कि वह डर रहा है.
यूपी में हो रहे उपचुनाव के बीच 20 नवंबर को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें पुलिसकर्मी वोटर्स के पहचान पत्र चेक कर कथित तौर पर उन्हें वोट डालने से रोकते हुए वापस भेज रहे थे. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, वीडियो कानपुर के सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र का है. इसको लेकर समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग से शिकायत की. रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव आयोग ने शिकायत का संज्ञान लेते हुए सब इंस्पेक्टर अरुण कुमार सिंह और राकेश कुमार नादर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.
चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार, वोटर आईडी चेक करने का अधिकार केवल पोलिंग पार्टी और पोलिंग एजेंट का होता है.
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