हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति रेलवे स्टेशन कर दिया गया है. 15 नवंबर को प्रधानमंत्री इसका उद्घाटन करेंगे. (साभार: आजतक)
भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन को 450 करोड़ रुपए लगाकर नया रूप दिया गया है. 15 नवंबर को प्रधानमंत्री इस स्टेशन का उद्घाटन करेंगे. अब इस स्टेशन को रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के नाम से जाना जाएगा. इस स्टेशन पर यात्रियों को विश्व स्तरीय सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी.
देश का पहला वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन
आज तक के रवीश पाल सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक हबीबगंज स्टेशन को 2016 से ही दोबारा विकसित करने का काम किया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट में केंद्र सरकार ने खास इंट्रेस्ट दिखया है. मार्च 2017 में इंडियन रेलवे डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड और बंसल ग्रुप को पीपीपी मॉडल के तहत इस स्टेशन के डेवलपमेंट का काम दिया गया था. इस प्रोजेक्ट की कुल लगता 450 करोड़ है, जिसमें से 100 करोड़ यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने पर खर्च किये गए. वहीं 350 करोड़ रुपए से स्टेशन परिसर का विकास किया गया. हबीबगंज स्टेशन देश का पहला ऐसा स्टेशन बन गया है जहां एयरपोर्ट की तरह वर्ल्ड क्लास सुविधाएं यात्रियों को मिल सकेंगी.
रानी कमलापति पर शिवराज क्या बोले? स्टेशन के पुनर्विकास के बाद इसके नाम को लेकर लंबे समय से विचार चल रहा था. पहले भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के नाम पर स्टेशन का नाम रखने का प्रस्ताव आया था, जिस पर सभी की सहमति थी. लेकिन बाद में मध्यप्रदेश सरकार ने रानी कमलापति के नाम पर स्टेशन का नाम रखने का फैसला किया. शुक्रवार, 12 नवंबर को इसके लिए शिवराज सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भी भेजा था अब गृह मंत्रालय ने भी इस नाम को मंजूरी दे दी है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा,
हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नामकरण गोंड रानी कमलापति के नाम करने पर प्रदेश वासियों की तरफ से हृदय से आभार, यह निर्णय गोंड वंश के गौरवशाली इतिहास, शौर्य और पराक्रम के प्रति सम्मान और सच्ची श्रद्धांजलि है. रानी कमलापति मध्यप्रदेश के गौरवशाली इतिहास का अभिन्न हिस्सा हैं, जिन्होंने जनजातीय संस्कृति, कला व परंपराओं को संरक्षण देने के साथ ही श्रेष्ठ जीवन मूल्यों के लिए अपने प्राण तक न्यौछावर कर दिए. रानी कमलापति जी मप्र ही नहीं पूरे देश में महिलाओं के सम्मान, सशक्तिकरण का प्रतीक हैं.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रानी कमलापति के बारे में बताते हुए कहा कि
"रानी कमलापति गोंड समाज का गौरव थीं, अंतिम हिन्दू रानी थीं। छल से, कपाट से, धोखा देकर उनके राज्य को हड़पने का काम दोस्त मोहम्मद ने किया था, एक अफ़गान सेनापति था. जब रानी ने ये देखा कि विजय संभव नहीं है तो उन्होंने जल जौहर किया. उनके बेटे नवल शाह लाल घाटी के पास मारे गए थे. रानी ने जल जौहर किया, अपने आत्म सम्मान की रक्षा की खातिर. बचपन से हम लोग कहते- सुनते थे कि :
ताल तो भोपाल ताल और तो सब तलैया, रानी तो कमलापति और सब रनैया"
मुख्यमंत्री शिवराज हबीबगंज स्टेशन को मॉडल स्टेशन के रूप में विकसित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि
"जनजाति गौरव दिवस के अवसर पर हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम रानी कमलापति रेलवे स्टेशन रख कर जनजाति का गौरव और सम्मान बढ़ाया है, मैं हृदय से आभारी हूँ."
नाम बदलने का विरोध
वहीं हबीबगंज स्टेशन का नाम बदले जाने से मध्य प्रदेश की सियासत भी गरमाने लगी है. भोपाल से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने राज्य सरकार के इस कदम का विरोध किया है. उन्होंने ट्वीट किया,
इस रेलवे स्टेशन का नाम हबीब मियां के नाम पर रखा गया था. पहले इसका नाम शाहपुर हुआ करता था साल 1979 में हबीब मियां ने रेलवे के विस्तार के लिए अपनी जमीन दान पर दी थी जिसके बाद इस रेलवे स्टेशन का नाम उनके नाम पर पड़ गया. एमपी नगर का नाम गंज हुआ करता था, जिसके बाद हबीब और गंज को मिलाकर हबीबगंज नाम कर दिया गया.