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भगवंत मान के साथ फ़ेसबुक ने ऐसा कांड किया कि मामला चौचक वायरल हो गया!

इंटरनेट का अनुवाद बवाल करवा देगा!

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भगवंत मान और पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल (फोटो: ट्विटर)
कई बार जब हमें इंग्लिश का कोई शब्द या वाक्य समझ नहीं आता तो हम उसे गूगल ट्रांसलेशन (Google Translation) की मदद से हिंदी में अनुवाद कर समझने की कोशिश करते हैं. इस दौरान अकसर ऐसा होता है कि ट्रांसलेशन के बाद जो वाक्य हिंदी में हमें दिखाई देता है, उसका कोई ठीक अर्थ नहीं निकलता. सिर्फ गूगल ही नहीं कई बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी ट्रांसलेशन का ऑप्शन होता है. जिसकी मदद से आप उस मैसेज को अपनी भाषा में समझ सकते हैं. लेकिन हर बार ये ट्रांसलेशन सही हो इसकी कोई गारंटी नहीं है.
इसी तरह का एक वाकया पंजाब के होने वाले मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) के एक फेसबुक पोस्ट के साथ भी हुआ. ट्रांसलेशन में हुई सिर्फ एक छोटी सी गलती से अर्थ का अनर्थ हो गया. और इस तकनीक संपन्न युग का अभीष्ट है कि गलतियों को सोशल मीडिया पर वायरल हो जाना है. बस इस बार भी यही हुआ है. मामला क्या है? 10 मार्च को पंजाब चुनाव के नतीजे सामने आए, जिसमें आम आदमी पार्टी को 117 में से 92 सीटों पर जीत मिली. 'आप' ने भगवंत मान को पंजाब में मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाया था. चुनाव में जीत मिलने के बाद भगवंत मान ने 12 मार्च को राजपाल बनवारी लाल पुरोहित (Banwarilal Purohit) से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया. उन्होंने फेसबुक पर इसी से जुड़ा एक पोस्ट भी किया, पोस्ट गुरमुखी लिपि में है. इस कैप्शन में जो लिखा है उसका हिंदी में सही मतलब है,
"आदरणीय गवर्नर पंजाब बनवारी लाल प्रोहित जी को सरकार बनाने का दावा पेश किया..."  
भगवंत मान का गुरुमुखी में किया गया फेसबुक पोस्ट
भगवंत मान का गुरुमुखी में किया गया फेसबुक पोस्ट


लेकिन फेसबुक ने इस कैप्शन को ट्रांसलेट कर दिया. कांड कर दिया. कुछ और ही लिख दिया. फेसबुक ने हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषाओं में इससे गलत ट्रांसलेट किया. इस ट्रांसलेशन के मुताबिक ये अर्थ निकलता है,
"पंजाब के माननीय राज्यपाल बनवारी लाल प्रोहित जी ने सरकार बनाने का दावा किया..." 
गुरमुखी से हिंदी और इंग्लिश में ट्रांसलेशन के बाद के फेसबुक पोस्ट
गुरमुखी से हिंदी और इंग्लिश में ट्रांसलेशन के बाद के फेसबुक पोस्ट


जाहिर है कि ये अनुवाद गलत है. इसलिए केवल गूगल और फेसबुक के किए अनुवाद पर निर्भर मत रहिए, अपने विवेक से भी काम लीजिए. फिर भी समझ ना आए तो उस भाषा के किसी जानकार से बात करिए, आपकी समस्या का समाधान को जाएगा.