बांग्लादेश की मौजूदा प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने इस बार का आम चुनाव जीत (Bangladesh Elections 2024) लिया है. बांग्लादेश के विपक्ष ने 7 जनवरी को हुए इस चुनाव का बहिष्कार किया था. इस जीत के बाद शेख हसीना पांचवीं बार बांग्लादेश की प्रधाननमंत्री बनने जा रही हैं. पिछले साल नवंबर में जब चुनाव का ऐलान हुआ था, तब ही यह तय हो गया था कि शेख हसीना की जीत होने जा रही है. इस चुनाव में स्वतंत्र उम्मीदवार दूसरे नंबर पर रहे.
विपक्ष के बहिष्कार के बीच बांग्लादेश में शेख हसीना की जीत, भारत को क्या फायदा होगा?
पिछले साल नवंबर में जब बांग्लादेश के चुनावों का ऐलान हुआ था, तब ही यह तय हो गया था कि शेख हसीना की जीत होने जा रही है.

चुनाव परिणामों की अगर बात करें तो अब तक 300 में से 298 सीटों के परिणाम जारी हो चुके हैं. शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग को अब तक 224 सीटों पर जीत हासिल हुई है. वहीं स्वतंत्र उम्मीदवारों ने 62 सीटें हासिल की हैं. जातियो पार्टी को 4 सीटें मिली हैं. वहीं एक अन्य उम्मीदवार को भी जीत हासिल हुई है.
मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि जिन भी स्वतंत्र उम्मीदवारों को जीत मिली है, उन्हें आवामी लीग ने टिकट नहीं दिए थे लेकिन पार्टी ने उनसे एक 'बनावटी विपक्षी उम्मीदवार' के तौर पर खड़े होने के लिए कहा था.
अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थान अल जजीरा से हुई बात में बांग्लादेश के एक मानवाधिकार और राजनीतिक कार्यकर्ता शाहिदुल इस्लाम ने इसे एक 'विचित्र चुनाव' का 'विचित्र चुनाव परिणाम' बताया. उन्होंने कहा कि अब बनावटी चुनाव के बनावटी उम्मीदवार एक बनावटी संसद में बैठेंगे.
इधर देश की मुख्य विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने इन चुनावों को एकतरफा बताया और कहा कि ये महज एक औपचारिकता थे. पार्टी चाहती थी कि ये चुनाव एक स्वतंत्र संस्था कराए ना कि शेख हसीना की सरकार के तहत चल रहा प्रशासन. वहीं देश के चुनाव आयोग ने बताया कि इन चुनावों में 40 फीसदी मत पड़े. कई विशेषज्ञों ने इन आंकड़ों पर भी भरोसा जताने से इनकार कर दिया. उनका कहना है कि मतदान के आंकड़े को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है.
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इधर, आवामी लीग के नेताओं ने इन चुनाव परिणामों को लोकतंत्र की जीत बताया है. उनका कहना है कि बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी को इन चुनावों को विफल करना चाहती थी, लेकिन देश की जनता ने पार्टी को करारा जवाब दिया है.
विशेषज्ञों का कहना है कि सत्ता में वापसी के बाद से ही शेख हसीना भारत के लिए रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण साबित हुई हैं. शेख हसीना के नेतृत्व में भारत और बांग्लादेश के संबंध लगातार मजबूत हुए हैं. दोनों देशों ने एक दूसरे की चिंताओं को समझा है. भारत की सुरक्षा एजेंसियों को लगातार बांग्लादेश से सहयोग मिला है और बांग्लादेश की जमीन पर भारत-विरोधी गतिविधियों को समाप्त करने के लिए वाकई में प्रयास हुए हैं.
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