बांग्लादेश का अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) सोमवार, 17 अक्टूबर को अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ चल रहे मामले में फैसला सुनाएगा. हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने आशंका जताई है कि कोर्ट उनकी मां को फांसी की सजा सुना सकता है. शेख हसीना पर साल 2024 में छात्रों के प्रदर्शन के खिलाफ कार्रवाई करने पर 'मानवता के खिलाफ अपराध' का केस चल रहा है. कोर्ट का फैसला आने से पहले शेख हसीना ने अपने समर्थकों को भेजे एक ऑडियो संदेश में कहा कि उन्हें अदालत के फैसले से कोई फर्क नहीं पड़ता. अल्लाह ने जिंदगी दी है और वही इसे छीन भी लेगा. एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, शेख हसीना ने कहा,
शेख हसीना पर बांग्लादेश की कोर्ट का फैसला आने वाला है, बेटा बोला- 'पता है, मौत की सजा देंगे'
Bangladesh Court Verdict on Sheikh Hasina: शेख हसीना और उनके सहयोगियों पर मानवता के खिलाफ अपराध का केस चल रहा है. उन पर आरोप है कि उन्होंने पिछले साल Bangladesh में हुए छात्र आंदोलन को कुचलने के लिए सेना को गोली चलाने और हिंसक कार्रवाई करने का आदेश दिया था.


उन्हें फैसला सुनाने दीजिए. मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता. अल्लाह ने मुझे जिंदगी दी है. अल्लाह इसे छीन भी लेगा, लेकिन मैं अपने देश के लोगों के लिए काम करती रहूंगी. .
अपने शासन पर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों को खारिज करते हुए हसीना ने कहा कि उन्होंने 10 लाख रोहिंग्याओं को शरण दी और विरोधी उन पर मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगा रहे हैं.
शेख हसीना पर ICT का फैसला आने से पहले बांग्लादेश में हिंसा बढ़ गई है. राजधानी ढाका समेत कई जगहों पर बम फटने और आगजनी की घटनाएं सामने आई हैं. शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग ने सोमवार, 17 नवंबर को देशव्यापी बंद बुलाया है. खुद शेख हसीना ने सोशल मीडिया पर बंद का संदेश जारी किया और लोगों से बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का विरोध करने की अपील की है. ऐसे में अगर कोर्ट शेख हसीना को सजा सुनाती है तो देश में बड़े पैमाने पर हिंसा भड़कने की आशंका है.
राजधानी ढाका में हुए कई धमाकेइंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार 16 अक्टूबर की देर रात राजधानी ढाका में एक के बाद एक कई बम धमाके हुए. अंतरिम सरकार की सलाहकार सैयदा रिजवाना हसन के घर के बाहर रात करीब 9 बजे 2 देसी बम फटे. इसके बाद कारवां बाजार इलाके में एक और विस्फोट हुआ. वहीं ढाका में एक पुलिस स्टेशन के बाहर कई बसों में आग लगाए जाने की भी सूचना है. रिपोर्ट के मुताबिक पिछले तीन दिनों में ढाका और अन्य शहरों में देसी बम फटने और वाहनों में आग लगाने की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं.
पुलिस को 'शूट एट साइट' के ऑर्डरहालात को देखते हुए पुलिस को ‘शूट एट साइट’ यानी हिंसा करने वालों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं. रिपोर्ट के अनुसार ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस के कमिश्नर एसएम सजात अली ने अधिकारियों से कहा है कि जो कोई भी बस में आग लगाता है या जान से मारने के इरादे से देसी बम फेंकता है, उसे गोली मार दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि कानून के तहत उन्हें यह अधिकार मिले हैं.
बताते चलें कि ICT में शेख हसीना और उनके सहयोगियों पर मानवता के खिलाफ अपराध का केस चल रहा है. उन पर आरोप है कि उन्होंने पिछले साल बांग्लादेश में हुए छात्र आंदोलन को कुचलने के लिए सेना को गोली चलाने और हिंसक कार्रवाई करने का आदेश दिया था. इस मामले में शेख हसीना के साथ देश के पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल को भी सह-आरोपी बनाया गया है. अदालत ने हसीना और असदुज्जमां को भगोड़ा घोषित किया है और दोनों की गैरमौजूदगी में उनके खिलाफ मुकदमा चलाया है. अब इस मामले में सोमवार, 17 नवंबर को दोनों को सजा सुनाई जा सकती है.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने दावा किया है कि अदालत उन्हें मौत की सजा सुनाने वाली है. वाशिंगटन डीसी में रहने वाले वाजेद ने कहा,
हमें ठीक-ठीक पता है कि फैसला क्या आने वाला है. वे उन्हें (शेख हसीना को) दोषी ठहराएंगे और शायद उसे मौत की सजा भी सुनाएंगे. वे मेरी मां का क्या कर सकते हैं? मेरी मां भारत में सुरक्षित हैं. भारत उन्हें पूरी सुरक्षा दे रहा है.
इस बीच शेख हसीना ने रविवार, 16 नवंबर की रात को अवामी लीग के फेसबुक पेज पर एक भावुक ऑडियो संदेश शेयर करते हुए समर्थकों से सड़कों पर विरोध प्रदर्शन जारी रखने की अपील की और कहा,
डरने की कोई बात नहीं है. मैं जिंदा हूं. मैं जिंदा रहूंगी और देश के लोगों का समर्थन करती रहूंगी. हमने मुकदमे के विरोध में पूर्ण बंद बुलाया है. मुझे उम्मीद है कि बांग्लादेश के लोग इस कार्यक्रम को पूरा करेंगे और इन हत्यारों, उग्रवादियों, यूनुस और उसके साथियों को सबक सिखाएंगे. अवामी लीग को राजनीति नहीं करने दी जाएगी, लेकिन यह इतना आसान नहीं है. यह अवामी लीग जनता की धरती से बनी है. इसकी जड़ें बहुत गहरी हैं.
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अंतरिम सरकार पर लगाए आरोपशेख हसीना ने अपने संदेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर उन्हें हटाने और पार्टी कार्यकर्ताओं पर अत्याचार करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि उनके कार्यकर्ताओं को स्कूलों में जाने से रोका गया. उन पर सार्वजनिक रूप से हमला किया गया और उनके बुनियादी अधिकरों को छीन लिया गया. शेख हसीना ने दावा किया कि बांग्लादेश "एक उग्रवादी राज्य" में बदला जा रहा है.
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