ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई (Ayatollah Ali Khamenei) को डर है कि कहीं उनकी हत्या ना कर दी जाए. ऐसे में उन्होंने तीन वरिष्ठ मौलवियों को उम्मीदवार के रूप में नामित किया है. जो उनकी ‘हत्या’ होने की स्थिति में उनकी जगह लेंगे. पिछले हफ़्ते इजरायल की तरफ से ईरान पर हमले शुरू करने के बाद उन्होंने ये कदम उठाए हैं (Iran-Israel Conflict).
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Iran Israel Conflict: Ayatollah Ali Khamenei गहरे बंकर में रह रहे हैं. उन्होंने अधिकारियों को अपने आसपास के सभी इलेक्ट्रानिक संचार बंद करने का निर्देश दिया है. वे अब अपने कमांडरों से ज़्यादातर मौक़ों पर एक विश्वसनीय सहयोगी के ज़रिए बात करते हैं. इससे पता चलता है कि खामेनेई और उनके शासन के लिए स्थिति कितनी गंभीर है. न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में ये दावा किया गया है.

अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स (NYT) की खबर के मुताबिक, खामेनेई गहरे बंकर में रह रहे हैं. उन्होंने अधिकारियों को अपने आसपास के सभी इलेक्ट्रानिक संचार बंद करने का निर्देश दिया है. वे अब अपने कमांडरों से ज़्यादातर मौक़ों पर एक विश्वसनीय सहयोगी के ज़रिए बात करते हैं. ताकि उन्हें ढूंढना मुश्किल हो जाए.
अख़बार ने खामेनेई की इमरजेंसी वॉर प्लान के बारे में जानकारी रखने वाले तीन ईरानी अधिकारियों के हवाले से ये जानकारी दी है. बताया है कि खामेनेई ने अपने सैन्य कमान के तहत कई अन्य लोगों को भी चुना है. ताकि अगर और सीनियर लोग मारे जाते हैं, तो वे उनकी जगह ले सकें.
NYT ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि अयातुल्ला खामेनेई के बेटे मोजतबा तीन उम्मीदवारों की लिस्ट में शामिल नहीं हैं. मोजतबा एक मौलवी हैं और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स के करीबी भी हैं. ऐसे में उनके बारे में अफवाह थी कि वे सबसे आगे चल रहे हैं. ईरान के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने 2024 में हेलीकॉप्टर दुर्घटना जान गंवा दी थी. उससे पहले तक रईसी को सबसे आगे चलने वाला उम्मीदवार माना जा रहा था.
86 साल के खामेनेई को पता है कि इजरायल या अमेरिका उन्हें मारने की कोशिश कर सकते हैं. अधिकारियों ने कहा कि खामेनेई इसे शहादत के रूप में देखते हैं. उन्होंने जानकारों की असेंबली, अगले सर्वोच्च नेता को चुनने के लिए जिम्मेदार समूह. इन सब से कहा है कि अगर उनकी हत्या होती है, तो उनके द्वारा दिए गए तीन नामों में से जल्दी से उत्तराधिकारी का चयन किया जाए. क्योंकि आम तौर पर, इस प्रक्रिया में महीनों लग सकते हैं.
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जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर वली नस्र ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया, ‘ये सब कैल्कुलेट और व्यावहारिक चीज़ है. क्योंकि सबसे बड़ी प्राथमिकता देश को बचाना है.’
इससे पता चलता है कि खामेनेई और उनके शासन के लिए स्थिति कितनी गंभीर है. जो 30 साल से भी पहले शुरू हुआ था. 1980 के दशक में इराक के साथ युद्ध के बाद से इजरायली हमले ईरान के लिए सबसे बड़े हमले हैं. अधिकारियों के मुताबिक, इराक के साथ आठ साल के युद्ध के दौरान जितना नुकसान ईरान को हुआ था, उससे कहीं ज़्यादा नुकसान इन हमलों से कुछ ही दिनों में हो गया है.
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