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पान सिंह तोमर के लेखक संजय चौहान नहीं रहे

लीवर की बीमारी से पीड़ित थे 62 साल के संजय चौहान

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स्क्रीनराइटर संजय चौहान (बाएं) | फ़ाइल फोटो: इंडिया टुडे

स्क्रीनराइटर संजय चौहान (Sanjay Chauhan) का निधन हो गया है. गुरूवार, 12 जनवरी को देर शाम उन्होंने अंतिम सांस ली. इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक संजय चौहान काफी लंबे समय से लीवर सिरोसिस नाम की बीमारी से जूझ रहे थे. दस दिन पहले इंटरनल ब्लीडिंग और बेहोश हो गए थे. इसके बाद उन्हें मुंबई के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. गुरूवार शाम को अचानक उनकी हालत ज्यादा बिगड़ गई और कुछ देर बाद उनका निधन हो गया.

संजय 62 साल के थे. संजय के परिवार में उनकी पत्नी और बेटी सारा है. शुक्रवार, 13 जनवरी को दोपहर साढ़े बारह बजे ओशिवारा श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. संजय काफी लंबे समय से लिवर सिरोसिस बीमारी से ग्रस्त थे. संजय चौहान को पान सिंह तोमर (Paan Singh Tomar) और आई एम कलाम (I am Kalam) जैसी फिल्में लिखने के लिए जानता है.

बेस्ट स्टोरी का अवॉर्ड जीता

संजय चौहान मध्य प्रदेश के भोपाल शहर में पैदा हुए और फिर दिल्ली में पत्रकारिता की. पत्रकार के काम में मन नहीं लगा तो मुंबई चले गए. वहां 90 के दशक में भंवर नाम की टीवी क्राईम सीरीज लिखी. इसके बाद उन्होंने पान सिंह तोमर, आई एम कलाम, साहेब बीवी और गैंगस्टर जैसी फिल्मों की कहानी लिखीं. कई फिल्मों में डॉयलॉग भी लिखे. संजय को उनकी फिल्म ‘आई एम कलाम’ के लिए बेस्ट स्टोरी का अवॉर्ड भी मिला था. उनके और भी बहुत सरहानीय काम हैं, जैसे कि ‘मैनें गांधी को नहीं मारा’ और ‘धूप’.

फिल्म डायरेक्टर अविनाश दास संजय चौहान के काफी करीब थे, उन्होंने संजय के निधन के बाद अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट किया. 

 

पोस्ट में अविनाश ने बताया कि कैसे संजय उनके लिए अभिवावक थे. अविनाश दास ने अपने पोस्ट में संजय के सेंस ऑफ ह्यूमर की काफी सरहाना की है. दास ने संजय के साथ अपनी करीब 10 साल पुरानी तस्वीर भी साझा की है. 

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