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अतीक अहमद को उम्रकैद, पहली बार सजा मिली तो माफिया का मुंह उतर गया

उमेश पाल अपहरण मामले में हुई सजा. भाई अशरफ कैसे बच गया.

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अतीक अहमद (फाइल फोटो)

उमेश पाल अपहरण मामले (Umesh Pal Kidnapping) में माफिया अतीक अहमद (Atique Ahmed) को प्रयागराज के MP-MLA कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. अतीक के साथ दो और दोषियों दिनेश पासी और खान सौलत हनीफ को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. तीनों के ऊपर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. वहीं अतीक के भाई अशरफ सहित बाकी सात आरोपियों को बरी कर दिया गया है. इससे पहले, माफिया अतीक अहमद को 27 मार्च को अहमदाबाद की साबरमती सेंट्रल जेल से प्रयागराज की नैनी जेल में लाया गया. उसे 28 मार्च को अदालत के सामने पेश किया गया. इस दौरान कोर्ट में वकीलों ने नारेबाजी की.

वहीं अतीक के भाई और पूर्व विधायक अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज लाया गया. अशरफ ने जान का खतरा बताते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेशी के लिए याचिका दाखिल की थी. लेकिन इसे नामंजूर कर दिया था. जिसके बाद बरेली पुलिस 27 मार्च को उसे प्रयागराज लेकर आई.

अपहरण मामले में मिली सजा

दरअसल, 25 जनवरी 2005 को BSP के तत्कालीन विधायक राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड में देवीलाल पाल और संदीप यादव की भी मौत हुई थी. केस में तत्कालीन SP सांसद अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ समेत 5 आरोपी नामजद थे. जबकि चार अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया था. इस केस में मुख्य गवाह उमेश पाल था. जो राजू पाल का रिश्तेदार भी था. उमेश का 28 फरवरी 2006 को अपहरण कर लिया गया. जिसका आरोप लगा अतीक अहमद पर. उमेश पाल ने जो शिकायती पत्र दायर किया, उसके मुताबिक अतीक ने इस मामले में उसपर बयान बदलने का दबाव डाला था. लेकिन ऐसा नहीं करने पर उसका अपहरण कर लिया गया. 

 उमेश पाल के मुताबिक, उसे अतीक अहमद के पास ले जाया गया था. जहां बयान नहीं बदलने पर उमेश पाल को उसके परिवार समेत जान से मारने की धमकी दी गई थी. उमेश के मुताबिक, अतीक के वकील खान हनीफ ने उसे एक पर्चा दिया और उसमें जो लिखा था, वही बयान देने को कहा. ऐसे में अपने परिवार की सलामती के लिए उमेश ने अदालत में अतीक के पक्ष में बयान दे दिया.

हालांकि 5 जुलाई 2007 को उमेश पाल ने धूमनगंज थाने में FIR दर्ज कराई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अतीक अहमद और उसके भाई के अलावा दिनेश पासी, अंसार अहमद, हनीफ, जावेद, फरहान, इसरार, आबिद प्रधान, आशिक उर्फ मल्ली और एजाज अख्तर के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया गया. इसमें एक आरोपी अंसार अहमद उर्फ अंसार बाबा की मौत हो चुकी है.

उमेश पाल की हो चुकी है हत्या

अपहरण के इसी मामले पर कोर्ट में बहस के लिए ही 24 फरवरी को उमेश पाल कोर्ट गया था. कोर्ट की कार्रवाई खत्म होने के बाद उमेश पाल घर वापस आ रहे थे. जहां पीछा कर रहे बदमाशों ने गाड़ी से उतरते ही गोली मारकर उमेश पाल की हत्या कर दी थी. ये घटना उमेश पाल के घर के ठीक सामने हुई. इसमें उमेश की सुरक्षा में शामिल 2 पुलिस वालों की भी मौत हो गई. इस हत्याकांड के आरोप अतीक अहमद और उसके बेटे असद, पत्नी शाइस्ता परवीन, शूटर मोहम्मद गुलाम, अरमान, साबिर और गुड्डू मुस्लिम पर लगे हैं. 

वीडियो: अतीक अहमद मामले में अब उमेश पाल की मां शांति देवी ने सच खोलकर रख दिया!