चीन ने अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) में 30 जगहों के नाम बदल कर उन्हें अपना बताने का दावा किया, तो जवाब में अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू (Pema Khandu) ने इस कार्रवाई की कड़ी निंदा की है. खांडू ने साफ़ कहा कि ये चीन (China) की नौटंकी है.
'चीन के भी 60 जगहों के नाम बदलो...' असम और अरुणाचल के CM ने क्या बोला
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तंज़िया लहजे में पूछा, "अगर आज मैं आपके घर का नाम बदल दूं, तो क्या वो मेरा हो जाएगा?"

X पर मुख्यमंत्री खांडू ने लिखा:
चीन की एक और नौटंकी है. भारत का एक गौरवान्वित नागरिक और अरुणाचल प्रदेश का मूल निवासी होने के नाते, मैं अरुणाचल प्रदेश के भीतर जगहों के नामकरण की कड़ी निंदा करता हूं, जो भारत का अभिन्न अंग रहे हैं.
दरअसल, भारत और चीन के बीच चल रही ज़ुबानी जंग तेज़ हो गई है. बीजिंग ने अरुणाचल प्रदेश में पड़ने वाली जगहों की एक और सूची जारी की है. ये चौथी ऐसी सूची है. इससे पहली 2017, 2021 और 2023 में तीन लिस्ट जारी की गई थीं.
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भारत ने इस क्षेत्र पर चीन के दावे को ख़ारिज कर दिया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा,
हम इस तरह के प्रयासों को ख़ारिज करते हैं. मनगढ़ंत नाम बताने से ये वास्तविकता नहीं बदलेगी कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है, और हमेशा रहेगा.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी चीन की नामों की सूची पर प्रतिक्रिया दी. तंज़िया लहजे में पूछा, "अगर आज मैं आपके घर का नाम बदल दूं, तो क्या वो मेरा हो जाएगा?"
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असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का रुख थोड़ा और आक्रामक है. उनका कहना है कि भारत को 'जैसे को तैसा' वाला जवाब देना चाहिए. उन्होंने कहा कि चीन ने जो 30 नाम जारी किए हैं, भारत को चीन के तिब्बती क्षेत्र के 60 क्षेत्रों का नाम बदलना चाहिए.
सरमा ने पत्रकारों से कहा,
... मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता क्योंकि यह भारत सरकार का नीतिगत निर्णय है. लेकिन अगर उन्होंने 30 का नाम लिया है तो हमें 60 का नाम देना चाहिए.
विपक्ष ने नरेंद्र मोदी सरकार की टधीमी प्रतिक्रिय' के लिए उनकी आलोचना की. पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने कहा कि 50 साल बाद कच्चाथीवू द्वीप मुद्दे पर भारत और श्रीलंका के बीच संबंधों में तनाव लाने के बजाय PM मोदी और एस जयशंकर को चीन के प्रति अपनी आक्रामकता दिखानी चाहिए.
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