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अनुराग कश्यप की अगली फिल्म 'रमन राघव 2.0' का रिव्यू, सबसे पहले

कान फिल्म फेस्टिवल में नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी स्टारर 'रमन राघव 2.0', धड़ल्ले से रिव्यू गिर रहे हैं. यहाँ पढ़ें हाइलाइट्स

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फोटो - thelallantop
अनुराग कश्यप की 'रमन राघव 2.0' किसी अंडरग्राउंड कारखाने से निकलकर आई फिल्म है. ख़ुफ़िया अंदाज़ में, बिना किसी शोर-शराबे के शूट हुई, और भारत में ज्यादा पब्लिसिटी का हल्ला मचाये बिना ही कान फिल्म फेस्टिवल में पहुँच गई. और लगता है जैसे कश्यप 'रमन राघव 2.0' के साथ वापस अपने मैदान में आ गए हैं. क्रिकेट में जिसे कहते हैं, 'होम पिच' पर, 'फ्रंट फुट' पर.
भारत में 'रमन राघव 2.0' की रिलीज़ 24 जून को होगी. लेकिन सबको खबर हो, कान फिल्म फेस्टिवल के प्रतिष्ठित साइडबार सेक्शन 'डायरेक्टर्स फोर्थनाइट' में फिल्म की सोमवार को स्क्रीनिंग हो गई है. और फिल्म पर पहली, एकदम ताज़ा टिप्पणियां आने लगी हैं. हॉलीवुड रिपोर्टर, वैराइटी, स्क्रीन डेली जैसी विश्व सिनेमा को कवर करने वाली वेबसाइट और पत्रिकाएँ 'रमन राघव 2.0' पर अपनी राय रख रही हैं.
हालांकि लिखनेवालों में से कई कश्यप के पिछले काम से वाकिफ हैं, लेकिन इन तमाम टिप्पणियों को इस बात के ख्याल के साथ पढ़ा जाना चाहिए कि इनका नज़रिया भारतीय दर्शक और हमारी सिनेमा की दुनिया से भिन्न है. इनमें कई समीक्षाएं वेस्टर्न ऑडियंस को ध्यान में रखकर लिखी गई हैं. 'हॉलीवुड रिपोर्टर' ने लिखा है कि यह कश्यप की कान में आई पिछली फिल्म 'अगली' जितनी स्याह और असहज करने वाली नहीं, लेकिन मुंबई पुलिस फ़ोर्स को लेकर यह उतनी ही कड़वी है. लेकिन यहां सवाल पुलिस की गैरज़िम्मेदारी और करप्शन का नहीं, बल्कि उनके 'लाइसेंस टू किल' एप्रोच का है जिसके चलते ड्रग्स में डूबा पुलिस अफसर और गहरे डूबता चला जाता है. हाँ, 'हॉलीवुड रिपोर्टर' ने फिल्म के टाइटल रोल 'रमन्ना' की भूमिका में नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी की भूरी भूरी प्रशंसा की है. लेकिन यंग पुलिस कमिश्नर 'राघवन सिंह उब्बी' की भूमिका में विक्की कौशल को फिल्म की कमज़ोर कड़ी बताया है. नवाज़ की तारीफ करते हुए हॉलीवुड रिपोर्टर लिखता है,
'कहानी में इतनी जानी पहचानी चीज़ें हैं कि उसके बहुत बड़ी क्लिशे हो जाने का खतरा था. लेकिन खल और सिरफिरे हत्यारे रमन्ना की भूमिका में नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी की शानदार परफोर्मेंस ने ऐसा नहीं होने दिया. एंथनी हॉपकिंस 'हेनीबल' को अपनी सीट छोड़ने की ज़रुरत नहीं, लेकिन उन्हें भी इस अभिनेता का काम देखने में बहुत मज़ा आएगा. कैसे ये 'दि लंचबॉक्स' में एक शरीफ ऑफिस क्लर्क बन जाता है, कैसे ये 'मिस लवली' में पोर्न इंडस्ट्री का दलाल बन जाता है, और कैसे कश्यप और कुछ दूसरों की फिल्मों में गेंगस्टर के रोल सफलतापूर्वक निभा लेता है.'
raman-story+fb_647_051216051708 'वैराइटी' ने ज़िक्र किया है कि कैसे 'साइको रमन' (फिल्म इसी नाम से कान में स्क्रीन हुई है) की शुरुआत में ही शार्ट में साठ के दशक के सीरियल किलर रमन राघव की कहानी दिखाने के बाद लिखा आता है, 'दिस फिल्म इज नॉट अबाउट हिम'. फ़ौरन समझ आ जाता है कि कश्यप फिर खेल करने की तैयारी में हैं. कश्यप की फिल्म वर्तमान की कथा है.
यह हत्यारे रमन राघव को लेकर लोक में मौजूद गाथाओं पर अपनी कथा बुनती है. कश्यप अपनी फिल्म में फिजिकल हिंसा को ज़्यादातर ऑफ-स्क्रीन रखते हैं, लेकिन ओपनिंग क्रेडिट्स खतरनाक हैं.
'वैराइटी' ने खासतौर पर मुंबई की झोपड़पट्टियों को फिल्म में सिनेमैटोग्राफर जय ओझा ने जिस तरह फिल्माया है, उसकी तारीफ की है. उनके काम में स्लम के उमस भरे रास्ते अपनी पूरी ऊर्जा के साथ निखर आते हैं, जिन्हें फिल्माते हुए ज़रा भी रोमांस का पुट नहीं है. 'वैराइटी' ने फिल्म के नैरेटिव की बात करते हुए लिखा है कि फिल्म हत्याओं से भी ज्यादा गहरा तनाव रमन (नवाज़) और राघव (कौशल) के किरदारों के आपसी द्वंद्व से हासिल करती है. जैसे रमन का किरदार राघव का पीछा करता है, उसमें एक चुम्बकीय किस्म की स्टॉकिंग की प्रवृत्ति का प्रभाव दिखाई देता है. वैसे फिल्म में दोनों मुख्य किरदार ऐसे हैं, जिससे दर्शक भावनात्मक जुड़ाव महसूस नहीं करेगा. लेकिन फिर यही कश्यप की स्टाइल ऑफ़ फिल्ममेकिंग है, उनका सिग्नेचर स्टाइल.
फिल्म में इस्तेमाल हुए मारक गानों का भी रिव्यू ज़िक्र करता है, लेकिन उनका अंग्रेज़ी तर्जुमा हमारे किस काम का. हम तो ओरिजिनल हिन्दी गानों के इंतज़ार में हैं. अंग्रेज़ी बोल पढ़कर लगता है कि गुलज़ार साब के 'अक्स' के लिए लिखे गीत याद आयेंगे इन्हें सुनकर.
'स्क्रीन डेली' ने 'साइको रमन' को 'संगीत का रवां इस्तेमाल करने वाली खून की प्यासी थ्रिलर फिल्म' बताया है जिसकी एनर्जी गज़ब की है. यह भी लिखा है कि ऑल्टरनेटिव सिनेमा को पसंद करने वाले और उसकी तलाश में रहने वाले युवा भारतीय दर्शक को यह हिप और टकरावों से भरी फिल्म पसंद आएगी. कुल मिलाकर 'रमन राघव 2.0' की हवा बन रही है. फिल्म की हिंसा नहीं, उसका माहौल देखने वालों को आकर्षित कर रहा है. और शुरूआती रिव्यू पढ़कर ऐसा लगता है कि नवाज़ ने एक ठंडे क्रूर हत्यारे की भूमिका में फिर से झंडे गाड़ दिए हैं.
- यहाँ फेसबुक वीडियो में देखिये कान में पहली स्क्रीनिंग के बाद अनुराग कश्यप का रिएक्शन, और उनकी टीशर्ट पर स्पेशल 'रमन राघव 2.0' इमोजी भी -
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