उत्तर प्रदेश में भदोही पुलिस ने 6 अगस्त को एक वाट्सएप ग्रुप के एडमिन को गिरफ्तार किया था. आरोप है कि इस ग्रुप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के खिलाफ ‘अपमानजनक’ टिप्पणी पोस्ट की गई थी. कथित तौर पर टिप्पणी लिखने वाला अभी फरार है, लेकिन पुलिस ने ग्रुप के एडमिन को पकड़ लिया. इस बीच आरोपी एडमिन शहाबुद्दीन अंसारी के परिवार का बयान सामने आया है.
CM योगी पर टिप्पणी को लेकर WhatsApp एडमिन हुआ था अरेस्ट, अब परिवार ने क्या कहानी सुनाई?
शहाबुद्दीन अंसारी के घरवालों ने पुलिस पर लगाए आरोप. पुलिस ने क्या जवाब दिया?

इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक, शहाबुद्दीन के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि भदोही पुलिस ने जल्दबाजी में कार्रवाई की और एक निर्दोष व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया. वहीं पुलिस ने आरोपों से इनकार किया है. पुलिस के मुताबिक टिप्पणी लिखने वाले मुस्लिम अंसारी के खिलाफ शहाबुद्दीन ने कोई कदम नहीं उठाया और इस वजह से उस पर कार्रवाई की गई है. वहीं शहाबुद्दीन के परिवार के सदस्यों ने दावा किया कि ‘अपमानजनक’ टिप्पणी पोस्ट करने के तुरंत बाद उसने मुस्लिम अंसारी को ग्रुप से हटा दिया था. फिलहाल शहाबुद्दीन को जमानत मिल गई है.
‘पुलिस से की थी शिकायत’शहाबुद्दीन के बड़े भाई इमामुद्दीन के मुताबिक उसके भाई ने खुद पुलिस के पास मुस्लिम अंसारी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि 4 अगस्त को ग्रुप में जब मुस्लिम अंसारी ने ये पोस्ट डाला, उसके लगभग एक घंटे बाद मेरे भाई ने इसे देखा. शहाबुद्दीन ने पोस्ट देखते ही तुरंत इसे डिलीट कर दिया और मुस्लिम अंसारी को भी ग्रुप से हटा दिया. हालांकि, उस समय तक, ग्रुप के कई सदस्य इस पोस्ट पर अपना रिएक्शन दे चुके थे. साथ ही इस पोस्ट के स्क्रीनशॉट अन्य ग्रुप में भी शेयर किए जा चुके थे. अगले दिन यानी 5 जुलाई को शहाबुद्दीन ने पुलिस से इसकी शिकायत की और मुस्लिम अंसारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. लेकिन पुलिस ने शहाबुद्दीन की शिकायत पर संज्ञान लेने के बदले उसे ही गिरफ्तार कर लिया.
इमामुद्दीन ने आगे कहा कि जब ये आपत्तिजनक पोस्ट डाली गई थी, तब उस वॉट्सएप ग्रुप में आठ एडमिन थे. ऐसे में सभी आठ लोगों पर मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए. पुलिस ने जल्दबाजी दिखाते हुए सिर्फ शहाबुद्दीन को ही गिरफ्तार कर लिया.
शहाबुद्दीन के परिवार के एक और सदस्य ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उस वॉट्सएप ग्रुप में 400 से अधिक मेंबर हैं. किसी भी एडमिन के लिए इसमें भेजे गए हर मैसेज पर नजर रखना संभव नहीं है. ऐसे में सिर्फ एक के खिलाफ कार्रवाई करना उचित नहीं है.
वहीं मामले को लेकर कोतवाली पुलिस थाना के प्रभारी अजय कुमार सेठ ने कहा कि शहाबुद्दीन के परिवार का ये दावा कि उसने पुलिस से इस मामले की शिकायत दर्ज कराई थी, वो बिल्कुल झूठा है.
मामला क्या है?बताते चलें कि पुलिस के मुताबिक 4 अगस्त को सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ एक टिप्पणी वायरल हुई थी. पुलिस के मुताबिक, इस मामले में 4 अगस्त को ही ट्विटर के माध्यम से शिकायत मिली थी. पुलिस सूत्रों ने बताया कि मामले की तफ्तीश के दौरान यह भी पता चला कि ग्रुप के एडमिन शहाबुद्दीन अंसारी ने आरोपी को ग्रुप से जोड़ा था. पुलिस के पास अपमानजनक टिप्पणी का स्क्रीनशॉट भी है.
पुलिस की तरफ से यह भी बताया कि ‘भदोही नगर पालिका परिषद' नाम से बनाया गया ये वॉट्सएप ग्रुप नगरपालिका का आधिकारिक ग्रुप नहीं है. हालांकि, इसमें नगर के तमाम सभासद जुड़े हुए हैं.
वीडियो: राहुल गांधी की संसद वापसी पर BJP नेता सुप्रीम कोर्ट की याद क्यों दिला रहे?