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नहीं रहे मंत्री अनंत कुमार, वाजपेयी से लेकर मोदी सरकार तक में संभाले कई मंत्रालय

कर्नाटक चुनाव के कुछ ही पहले अनंत कुमार का कैंसर पता चला. लंदन और न्यू यॉर्क में इलाज हुआ था.

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अनंत कुमार मोदी कैबिनेट में संसदीय मामलों का मंत्रालय संभाल रहे थे. वो दक्षिणी बेंगलुरु की सीट से सांसद थे. तकरीबन छह महीने पहले उनका कैंसर डाइग्नॉज़ हुआ था. लंदन और न्यू यॉर्क में इलाज भी चला. अक्टूबर के आखिर में ही वो अमेरिका से लौटे थे (फोटो: बाईं तरफ अनंत कुमार, दाहिनी ओर उनके शव को देखने आए परिवार के लोग और पार्टी सहयोगी ANI)
बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार गुजर गए. 12 नवंबर की तड़के सुबह तकरीबन चार बजे बेंगलुरु के शंकर कैंसर हॉस्पिटल में उन्होंने दम तोड़ दिया. अनंत 59 साल के थे. उन्हें कैंसर था. पिछले कुछ दिनों से उनकी स्थिति काफी बिगड़ गई थी. उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. मौत के समय उनका परिवार- पत्नी और दो बेटियां उनके साथ थीं. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा कई मंत्रियों-नेताओं ने अनंत कुमार की मौत पर तकलीफ जताई है. लंदन और न्यू यॉर्क में कैंसर का इलाज चला मई 2018 में हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव के कुछ ही समय पहले अनंत कुमार का कैंसर डायग्नोज़ हुआ. उन्होंने लंदन और न्यू यॉर्क में अपना इलाज करवाया. अक्टूबर के आखिर में ही वो न्यू यॉर्क के 'मेमोरियल स्लोअन केटेरिंग कैंसर सेंटर' से इलाज करवाकर लौटे थे. उनका शव बेंगलुरु के नैशनल कॉलेज ग्राउंड में रखा जाएगा. ताकि लोग वहां पहुंचकर उन्हें आखिरी बार देख सकें.   1998 में वाजपेयी सरकार के सबसे युवा मंत्री थे अनंत कुमार दक्षिणी बेंगलुरु से सांसद थे. इस शहर ने उन्हें छह बार संसद भेजा. वो वाजपेयी सरकार में भी मंत्री रहे थे. नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अलावा वो पर्यटन, खेल और शहरी विकास मंत्रालय भी संभाल चुके थे. मोदी सरकार में उनके पास दो पोर्टफोलियो रहा. पहले उन्हें रसायन और उर्वरक मंत्रालय सौंपा गया. फिर जुलाई 2016 में उनको संसदीय मामलों का प्रभार दिया गया.
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