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किश्तवाड़ के बाद कठुआ में फटा बादल, 4 लोगों की मौत, मलबे में दबे कई घर

Kathua Cloudburst Video: अधिकारियों ने बताया कि घाटी इलाके में कई घर मलबे और बाढ़ के पानी में दब गए हैं. कठुआ का एक पुलिस स्टेशन पूरी तरह से पानी में डूब गया है. बचाव दल मौके पर मौजूद है.

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यह घटना 16 और 17 अगस्त की दरमियानी रात घटी (फोटो: इंडिया टुडे)
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सुनील जी भट्ट

जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के एक गांव में बादल फटने (Kathua Cloudburst) से कम से कम चार लोगों की मौत हो गई. जबकि छह लोग घायल हो गए. अधिकारियों ने बताया कि घाटी इलाके में कई घर मलबे और बाढ़ के पानी में दब गए हैं. रेस्क्यू टीम मौके पर मौजूद है.

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इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना 16 और 17 अगस्त की दरमियानी रात में घटी. जिससे गांव तक पहुंच बाधित हो गई. अधिकारियों ने बताया कि पुलिस और SDRF की एक संयुक्त टीम ने गांव में बचाव का काम शुरू कर दिया है. उन्होंने बताया कि कठुआ पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत बागड़ और चांगडा गांव तथा लखनपुर पुलिस थाना क्षेत्र के दिलवान-हुतली में भी भूस्खलन हुआ, लेकिन किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है.

कठुआ का एक पुलिस स्टेशन पूरी तरह से पानी में डूब गया है. अधिकारियों ने बताया कि एक रेलवे ट्रैक भी क्षतिग्रस्त हो गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारी बारिश की वजह से ज्यादातर झीलों का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है और उझ नदी खतरे के निशान के करीब बह रही है. अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-पठानकोट नेशनल हाइवे पर भी नुकसान की खबर है. 

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कठुआ जिले में भारी बारिश को देखते हुए जिला प्रशासन ने मौसम संबंधी चेतावनी जारी की है और लोगों से तत्काल सावधानी बरतने की अपील की है. जिला प्रशासन स्थिति पर कड़ी नज़र रखे हुए है और लोगों से झीलों और नदियों से दूरी बनाए रखने के लिए अपील की है.

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बादल फटने की सूचना मिलने के बाद SSP (कठुआ) शोभित सक्सेना से बात की. उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए इसकी जानकारी दी. उन्होंने लिखा कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है.

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इससे पहले इसी हफ्ते किश्तवाड़ में भी बादल फटने से आई तबाही में 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. गुरुवार, 14 अगस्त को आई इस त्रासदी में CISF के दो जवानों समेत 65 लोगों के शव बरामद किए गए हैं. जबकि कई लापता हैं. एक चश्मदीद ने बताया कि अभी भी कई लोग मलबे के नीचे दबे हुए हैं. बादल फटने की ये घटना किश्तवाड़ के चिशोती इलाके में हुई थी. इससे इलाके में भारी बाढ़ आई थी.

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