अमिताभ बच्चन अपने ट्विटर हैंडल को सही से 'हैंडल' नहीं कर पा रहे हैं. इसके अलावा फेसबुक पर भी तमाम ऐसी बातें शेयर करते हैं, जो 'वॉट्सऐपीय' जानकारी से लैस होती हैं. मतलब उल्टे-सीधे फॉरवर्ड. ना सिर ना पैर. तमाम तरह की गुणा-गणित. जैसे फलानी तिथि को फलाना ग्रह इस दशा में है, तो इस दिन ताली-थाली पीटो, तो वाइब्रेशन से कोरोना वायरस मर जाएगा. उप्स. इससे भी अमिताभ का एक रिश्ता है, लेकिन अभी बात ताज़ा मामले की.
हुआ ये कि अमिताभ ने 8 मई को एक ट्वीट किया. अपने एक शॉर्ट स्लो-मो वीडियो के साथ. इसमें उन्होंने एक 'महान' गणितीय फॉर्मूला बताया, जो उनकी भाषा में कहें तो 'अद्भुत' था. लिखा,
सभी को हैप्पी बर्थडे. आज एक स्पेशल दिन है. एक हज़ार साल में एक बार ऐसा होता है. आपकी उम्र+आपके जन्म का साल जोड़ दें, तो 2020 आता है. एक्सपर्ट भी इसे एक्सप्लेन नहीं कर सकते. आप ख़ुद देखिए कि 2020 आता है या नहीं. एक हज़ार साल का इंतज़ार है.
ट्वीट में दिक्कत कहां है?
ये कॉमन सेंस वाली बात है कि अपनी उम्र और बर्थ ईयर, माने पैदा होने के साल को जोड़ने पर वही साल आता है, जिसमें आप अभी जी रहे हों. इन्होंने 2020 का उदाहरण दिया. अगले साल 2021 में आप अपनी उम्र और जन्म का साल जोड़ेंगे, तो 2021 आएगा. एक साल आपकी उम्र भी बढ़ चुकी होगी. ये चलता ही रहेगा. (कैलकुलेट करने लगे ना? यही वॉट्सऐप का कीड़ा है.) बच्चन साहब की 'हज़ार साल में एक बार' वाली बात कहां से आ गई पता नहीं, लेकिन ये मामला तो हर साल वाला है.
इस ट्वीट पर तमाम लोगों ने अमिताभ की मौज भी ली. उन्होंने कहा कि अगर ये हंसी-मज़ाक है, तब तो चलेगा, लेकिन सीरियसली आप ऐसा कर रहे हैं, तो ठीक नहीं है. वैसे भी ये ठीक इसलिए नहीं है, क्योंकि अमिताभ का इस मामले में ट्रैक रिकॉर्ड बहुत ख़राब है. वो लगातार फेक न्यूज़ फैलाते रहते हैं. अजीबो-गरीब वन लाइनर्स. कविताएं. यहां तक कि अपने ट्विटर बायो में उन्होंने अपने पिता और कवि हरिवंशराय बच्चन को ग़लत कोट कर रखा है. पहले भी वो ऐसा करते रहे हैं.
22 मार्च को 'जनता कर्फ्यू' के दौरान लोगों ने ताली-थाली बजाई थी. कोरोना वॉरियर्स के सम्मान में. इससे जुड़ा एक फेक मेसेज वॉट्सऐप पर सर्कुलेट हुआ कि ताली बजाने से वायरस खत्म होता है. भाईसाब अमिताभ बच्चन ने इसे ट्वीट कर दिया. लिखा,
एक मत है. 22 मार्च अमावस यानी महीने की सबसे काली रात है. इसमें वायरस, बैक्टीरिया, बुरी और काली शक्तियां सबसे ज्यादा ताकतवर होती हैं. शंख बजाने से वायरस कम होता है और उसकी ताकत कम होती है. चांद नए रेवती नक्षत्र में जा रहा है. इतने वाइब्रेशन से खून का बहाव अच्छा होता है.'

जनता कर्फ्यू को लेकर अमिताभ का ट्वीट, जिसे ट्रोल होने के बाद उन्हें हटाना पड़ा.
बाद में उन्हें अपना ट्वीट डिलीट करना पड़ा. लेकिन इतने पर वो नहीं रुके. कुछ दिनों बाद ही 25 मार्च को उन्होंने एक वीडियो ट्वीट किया कि मानव मल से मक्खियों की मदद से कोरोना वायरस फैलता है. लेकिन ये बात ग़लत निकली. 26 मार्च को स्वास्थ्य मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने कहा कि हमने वो ट्वीट नहीं देखा, लेकिन मक्खियों से कोरोना वायरस नहीं फैलता. बाद में ये ट्वीट भी अमिताभ बच्चने को हटाना पड़ा.

25 मार्च का अमिताभ का वीडियो ट्वीट हुआ, जिसमें वो एक फेक न्यूज़ फैला रहे थे. फोटो: ट्विटर
इस फॉर्मूले का एक ज्वलंत उदाहरण
इसके अलावा जो पाथब्रेकिंग, माइलस्टोन टाइप वाला गणितीय फॉर्मूला अमिताभ ने बताया, इसका जीता-जागता उदाहरण कुछ दिनों पहले ही देखने को मिला था, जब एक 'इन्वेस्टिगेटिव' जर्नलिज़्म पर लोगों की नज़र टिकी. मामला इरफ़ान और ऋषि कपूर की दु:खद ख़बर से जुड़ा है. तब टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप
की तरफ से एक बात बताई गई, जो इस चराचर जगत में किसी को नहीं पता थी. कहा गया कि अगर इरफ़ान और ऋषि कपूर के बर्थ ईयर और उम्र को अलग-अलग जोड़ें तो 2020 आता है, मतलब वो साल, जब उनका निधन हुआ. उन्होंने इसका डेमो कुछ यूं दिया-
इरफान का बर्थ इयर 1967. उनकी उम्र 53 साल. 1967+53=2020
ऋषि कपूर का बर्थ इयर 1953. उनकी उम्र 67 साल. 1953+67=2020.