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असद से 2 दिन पहले हुआ ये एनकाउंटर क्यों गायब? ढाई लाख का इनामी, 6 मर्डर, 43 केस थे

ढाबे पर पुलिस वालों की आंखों में मिर्च डालकर भागा था

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आदित्य राणा (सबसे दाएं) पर 43 मुकदमे दर्ज हैं | फाइल फोटो: आजतक

असद अहमद, माफिया अतीक अहमद का बेटा. झांसी जिले में यूपी पुलिस ने मार गिराया (Asad Ahmad Encounter). उत्तर प्रदेश में हुए इस एनकाउंटर का खूब शोर है. बड़े-बड़े नेताओं ने ट्वीट किए हैं. किसी ने पुलिस की पीठ थपथपाई तो किसी ने एनकाउंटर पर सवाल उठाए.

लेकिन, एक एनकाउंटर इससे कुछ ही घंटे पहले हुआ था. वो भी उत्तर प्रदेश का एक कुख्यात अपराधी था. मर्डर के छह मुकदमे, ढाई लाख का इनाम. लेकिन, उसके एनकाउंटर की कोई चर्चा नहीं. बड़के नेताओं का कोई ट्वीट नहीं.

हम बात कर रहे हैं पश्चिमी यूपी के बदमाश आदित्य राणा की. जिसे 11 अप्रैल की रात पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया (Aditya Rana Encounter). इस मुठभेड़ में पुलिस के पांच जवान भी जख्मी हुए.

आजतक से जुड़े संजीव शर्मा के मुताबिक बिजनौर एसपी नीरज कुमार जादौन ने बताया,

‘11 अप्रैल को देर रात सूचना मिली थी कि राणा बिजनौर के स्योहारा थाना क्षेत्र के बुढ़नपुर इलाके में छिपा है. और जल्द ही वहां से भागने की फिराक में है. इस सूचना के बाद पुलिस ने घेराबंदी करते हुए उसको घेर लिया.’

एसपी के मुताबिक खुद को घिरा देख राणा और उसके साथियों ने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी. जवाबी कार्रवाई में पुलिस टीम ने भी फायर किए. इस दौरान पुलिस की गोली एक बदमाश को जा लगी. फिर फायरिंग करने वाले बदमाश भाग निकले. पुलिस ने जब इलाके में जाकर सर्च किया तो एक बदमाश का शव मिला. उसकी पहचान ढाई लाख के इनामी आदित्य राणा के रूप में हुई है.

पुलिस को चकमा दिया था

आठ महीने पहले की बात है. बिजनौर पुलिस बिजनौर कोर्ट में पेशी के बाद आदित्य राणा को लखनऊ ले जा रही थी. शाहजहांपुर में एक ढाबे पर राणा पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था. बताते हैं कि पुलिस कर्मियों की आंखों में मिर्च डाल दी और भाग गया. पुलिस और यूपी एसटीएफ तब से उसकी तलाश में थे. बाद में उस पर डीजीपी ने ढाई लाख रुपए का इनाम घोषित कर दिया था.

बिजनौर के स्योहारा थाना क्षेत्र के नंगला गांव का रहने वाला आदित्य राणा अत्याधुनिक हथियार चलाने में माहिर था. राणा पर करीब 43 मुकदमे संगीन धाराओं में दर्ज थे. जिसमें 6 हत्या, 13 लूट के मुकदमे दर्ज हैं. इसके अलावा फिरौती, लूट, हत्या, अपहरण, रंगदारी जैसे संगीन मामले शामिल हैं. पहली बार उसका नाम 2013 में कासिमाबाद में हुए धर्मवीर हत्याकांड में सामने आया था. इसके बाद वो अपराध की दुनिया में आगे बढ़ता चला गया.

वीडियो: अतीक के बेटे असद के मारे जाने को फेक एनकाउंटर बताने वाले बड़े नेता कौन? क्या कोई जांच होगी?