आधी रात से थोड़ा पहले उनका देहांत हो गया. उनकी तबीयत पिछले कुछ समय से ठीक नहीं चल रही थी. खाना भी छोड़ दिया था. वे शांति से गए हैं.सागर सरहदी के नाम से पहचाने जाने वाले गंगा सागर तलवार का जन्म पाकिस्तान के ऐबटाबाद के पास हुआ था. हालांकि, 12 साल की उम्र में वे भारत आ गए थे. अपना क्रॉस-बॉर्डर कनेक्शन दर्शाने के लिए नाम में ‘सरहदी’ जोड़ लिया. करियर की शुरुआत उर्दू की कहानियां लिखकर की. आगे जाकर उर्दू के नाटक लिखने लगे. 1976 में आई यश चोपड़ा की फिल्म ‘कभी कभी’ बतौर राइटर, उनकी पहली फिल्म बनी. यश चोपड़ा के साथ मिलकर ‘सिलसिला’ और ‘चांदनी’ जैसी फिल्मों का स्क्रीनप्ले भी लिखा. ‘चांदनी’ के डायलॉग्स भी उन्होंने ही लिखे थे.
सागर सरहदी की डेथ की न्यूज़ आने के बाद फिल्म इंडस्ट्री ने भी शोक जताया. ‘फिज़ा’ के डायरेक्टर खालिद मोहम्मद ने अपने ट्विटर पर लिखा,
विख्यात साहित्यकार, फिल्म राइटर और डायरेक्टर सागर सरहदी. उनकी आत्मा को शांति मिले.
हक ए बंदगी यूं अदा कर चले. आपके काम ने मेरे जैसो को कितना कुछ दिया. थैंक यू एंड रेस्ट इन पीस सागर साहब.
राइटर जावेद अख्तर ने उन्हें याद करते हुए लिखा,
सागर सरहदी, एक वेटरन थिएटर और फिल्म राइटर जिन्होंने ‘कभी कभी’ और ‘नूरी’ जैसी फिल्में लिखी और ‘बाज़ार’ डायरेक्ट की, अब नहीं रहे. उनके भतीजे रमेश तलवार के साथ मेरी पूरी संवेदनाएं हैं.
रेस्ट इन पीस सागर साहब.
जैकी श्रॉफ ने अपने इंस्टाग्राम पर सागर सरहदी की फोटो शेयर कर लिखा,
आपको मिस करूंगा. रेस्ट इन पीस.

जैकी श्रॉफ का इंस्टाग्राम पोस्ट.
बता दें कि 1982 में आई ‘बाज़ार’ से सागर सरहदी डायरेक्टर बने थे. फारूख शेख, नसीरुद्दीन शाह, स्मिता पाटील और सुप्रिया पाठक फिल्म का हिस्सा थे. इसके अलावा उन्होंने शाहरुख खान की डेब्यू फिल्म ‘दीवाना’ और ऋतिक रोशन की डेब्यू फिल्म ‘कहो ना प्यार है’ के डायलॉग्स भी लिखे थे.