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सरकार के टैक्स सिस्टम पर राघव चड्ढा ने संसद में कविता सुनाई, कई लोगों को 'मन की बात' लगेगी

Raghav Chadha ने कविता के माध्यम से आरोप लगाया कि सरकार हर छोटी-बड़ी चीज़ पर जनता से टैक्स वसूल रही है.

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आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद है राघव चड्ढा. (Sansad TV)

आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा (Raghav Chadha) ने आज टैक्स के मुद्दे पर राज्यसभा में केंद्र सरकार को घेर लिया. चड्ढा ने एक कविता के माध्यम से सरकार पर हमला बोला. उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाया कि सरकार हर छोटी बड़ी चीज़ पर टैक्स लगा रही है. पहले एक नज़र उनकी कविता पर…

सरकार का एक सूत्रीय मिशन है टैक्स
सरकार का कमिशन है टैक्स
जगने पर टैक्स, सोने पर टैक्स
हंसने पर टैक्स, रोने पर टैक्स
खाने पर टैक्स, पीने पर टैक्स
बच्चों की पढ़ाई पर टैक्स
बुजुर्गों की दवाई पर टैक्स
फसलों की बुआई पर टैक्स
ट्रेन और हवाई जहाज पर टैक्स
खरीदने पर टैक्स, बेचने पर टैक्स
फैलने पर टैक्स, समेटने पर टैक्स
सड़क पर टैक्स, आसमान पर टैक्स
गाड़ी पर टैक्स, मकान पर टैक्स
सपनों पर टैक्स, अरमान पर टैक्स
खुशियों पर टैक्स, मुस्कान पर टैक्स
दिन रात की गाढ़ी कमाई पर टैक्स
किताब पर टैक्स, सियाही पर टैक्स
सब्जी पर टैक्स, मिठाई पर टैक्स
सरकार जनता से वसूल रही है
बीजेपी से दिल लगाई पर टैक्स.

दरअसल, पिछले कुछ महीनों में महंगाई बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है. इस बीच सरकार पर ज्यादा टैक्स वसूलने के भी आरोप लगते रहे हैं. राघव चड्ढा ने आज इसी मुद्दे को राज्यसभा में उठाया.

इसके अलावा राघव चड्ढा ने LTCG टैक्स पर इंडेक्सेशन वापस लाने पर भी सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि सरकार ने बिना सोचे-समझे टैक्सेशन में बदलाव किया, इसलिए फैसला वापस लेना पड़ा. उन्होंने कहा कि इंडेक्सेशन सिर्फ जमीन के लेन-देन पर दोबारा लागू किया गया है, अन्य संपत्ति पर नहीं. राघव चड्ढा ने ये भी कहा कि 23 जुलाई, 2024 के बाद जमीन के लेन-देन पर भी इंडेक्सेशन नहीं होगा, जो कि गलत है.

टैक्स को लेकर उठते रहे हैं सवाल

टैक्स को लेकर सिर्फ विपक्ष ही नहीं सरकार के अंदर भी आवाज़ उठी है. बजट पेश होने के बाद सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र लिखा. उन्होंने लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर लगाए गए 18 प्रतिशत GST को खत्म करने की मांग की. 28 जुलाई को लिखे पत्र में उन्होंने तर्क दिया है कि इन प्रीमियमों पर टैक्स लगाना जीवन की अनिश्चितताओं पर टैक्स लगाने के बराबर है.

इस विषय पर वित्त मंत्री ने लोकसभा में जवाब भी दिया. उन्होंने कहा कि हेल्थ इंश्योरेंस पर टैक्स GST के पहले से लगता रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि सारा टैक्स सिर्फ केंद्र के हिस्से के नहीं आता. आधा हिस्सा SGST के तौर पर राज्यों को बांट दिया जाता है.

वीडियो: बजट पर ऐसा क्या बोले AAP सांसद राघव चड्ढा की बहस हो गई?