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भगवंत मान, तुम्हें कानून बनाने के लिए भेजा गया है, तोड़ने के लिए नहीं

'मैं आगे और भी वीडियो अपलोड करूँगा जिससे जनता को लोकतांत्रिक प्रक्रिया के बारे में पता चलेगा. आने दो नोटिस.'

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फोटो - thelallantop
आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान ने फेसबुक पर पार्लियामेंट का एक लाइव वीडियो अपलोड किया. इस वीडियो में भगवंत मान 'जनता को पार्लियामेंट की कार्यवाही बताते' दिखते हैं. पर उनके इस काम पर कई सवाल खड़े हो गए हैं. बीजेपी, जनता दल (U) और कई दूसरी पार्टियों ने भगवंत मान के इस वीडियो को 'पार्लियामेंट की सुरक्षा' के लिए खतरा बताया है. उनके खिलाफ पार्लियामेंट के Question Hour में 'प्रिविलेज मोशन' लाया गया है. भगवंत वीडियो में Question Hour का ही प्रोसेस समझा रहे हैं. मुख्तार अबास नकवी ने कहा है कि भगवंत अगर दुबारा ऐसा करेंगे, तो जेल भी जा सकते हैं. कल भगवंत मान ने कहा था कि मैं आगे और भी वीडियो अपलोड करूंगा जिससे जनता को लोकतांत्रिक प्रक्रिया के बारे में पता चलेगा. यहां पर इतने बड़े-बड़े कैमरे लगे हुए हैं. कल एक और वीडियो डालूंगा. आने दो नोटिस.
अपने वीडियो बनाने की वजह बताते हुए भगवंत कहते हैं: 'मेरे क्षेत्र के लोग मुझ पर आरोप लगाते हैं कि मैं उनके मुद्दे पार्लियामेंट में नहीं उठाता. जब मैंने उनको बताया कि प्रश्न 'Question Hour' में पूछे जाते हैं. ये प्रश्न लकी ड्रॉ से निकाले जाते हैं. और सिर्फ 20 सांसदों के ही प्रश्न लिए जाते हैं तो उनको भरोसा नहीं हुआ.'
भगवंत मान के इस वीडियो को देखने के दो नजरिये हैं: 1. भगवंत मान की बात के नजरिये से. उनका उत्साह तारीफ के काबिल है. अगर कोई सांसद जनता को लोकतांत्रिक प्रक्रिया समझाने की कोशिश करता है तो ये बढ़िया कदम है. क्योंकि ज्यादातर जनता को पार्लियामेंट और उसकी कार्यवाही के बारे में पता ही नहीं है. हर कोई इसके लिए किताब नहीं पढ़ सकता. अगर सांसद जनता से सीधा डायलॉग करते हैं तो भविष्य में अपने फैसलों को जनता तक ज्यादा अच्छे से पहुंचा सकते हैं. हमेशा से ये माना जाता है कि लोकतंत्र के नाम पर सिर्फ कुछ चुने हुए लोग सारे फैसले खुद कर लेते हैं. इन फैसलों के पीछे की प्रोसेस जनता तक नहीं आती. जनता को तो सरकार के डिपार्टमेंट के बारे में भी नहीं पता. 2. पार्लियामेंट की सुरक्षा और नियमों के नजरिये से. पार्लियामेंट में हर जगह ये लिखा है कि यहां वीडियोग्राफी की परमिशन नहीं है. भगवंत मान के वीडियो में भी एक सिक्यूरिटी ऑफिसर इनसे कहता है कि सर, कैमरा अलाउड नहीं है. अब सवाल ये है कि भगवंत मान बिना किसी को इन्फॉर्म किए पार्लियामेंट में घूम-घूम के वीडियो कैसे बना सकते हैं? जब सांसद ही खुद नियम-कानून तोड़ने लगेंगे तो जनता में क्या सन्देश जायेगा? ट्रैफिक से लेकर ड्रग्स तक के कानून रोज तोड़े जाते हैं. जनता भगवंत मान का उदाहरण देने लगेगी. हर ट्रैफिक लाइट पर बिना हेलमेट-लाइसेंस वाले कहेंगे: जाओ भगवंत मान को पकड़ो पहले. भगवंत मान को पहले संसद में अपने इस काम के लिए परमिशन ले लेनी चाहिए थी. हालांकि ये पहला मामला नहीं है नियम तोड़ने का. हमारे सांसद-नेता हमेशा नियमों की ऐसी-तैसी कर देते हैं. इसका सबसे बड़ा उदाहरण दिल्ली मेट्रो है. चाहे वो प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी हों या मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, जब भी माननीय लोगों ने मेट्रो में यात्रा की, मेट्रो के अन्दर फोटो खिंचवाए. जबकि आम जनता के लिए ये मना है. ठीक इसी अंदाज़ में भगवंत मान ने पार्लियामेंट में ये काम कर दिया. जाहिर सी बात है कि पार्लियामेंट की सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता. कई लोगों ने इसे भगवंत मान की मूर्खता कहा है. तो कई शंकालु लोगों को भगवंत किसी 'विदेशी' का एजेंट लग रहे हैं. देखना ये है कि भगवंत मान पर किस तरह का एक्शन लिया जाता है. इससे पहले भगवंत मान का लॉजिक सुनना जरूरी है. साथ ही जनता को ये मेसेज जरूर जाना चाहिए कि पार्लियामेंट बहुत सुरक्षित है. नहीं तो लोगों के मन में डर बैठ जाता है.

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