साल 1967 की बात है. जॉन व्हीलर न्यू यॉर्क में ऐस्ट्रोफ़िज़िक्स पर एक लेक्चर दे रहे थे. सितारों की बात करते हुए वो बार-बार ऐसे आब्जेक्ट्स की चर्चा कर रहे थे, जो अपनी ही ग्रेविटी में कोलेप्स हो जाते हैं. ऐसे आब्जेक्ट्स में ग्रैविटी उस सीमा तक पहुंच जाती है, जहां से प्रकाश भी बाहर नहीं निकल पाता. बार-बार इन आब्जेक्ट्स की बात करते हुए उन्हें एक लम्बे उलझे वाक्य का इस्तेमाल करना पड़ रहा था. ऐसे में ऑडीयन्स में से एक व्यक्ति उनसे बोला, आप इसे ‘ब्लैक होल’ क्यों नहीं बोल देते. बस यहीं से ब्लैक होल शब्द प्रचलित हो गया, और आज हम “ब्लैक होल” सुनते ही समझ जाते हैं किस चीज़ की बात हो रही है.देखें वीडियो.
तारीख: क्यों 200 साल तक ‘कलकत्ता का ब्लैक होल’ की कहानी ब्रिटेन के बच्चे-बच्चे को सुनाई गई?
कोलकाता के जिस ब्लैक होल को एक संकेत के तौर पर डिकी ने इस्तेमाल किया. दरअसल वो घटना इससे 200 साल पहले घटी थी.
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