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तारीख: जापान के स्कूलों में WW2 के बारे में क्या पढ़ाया जाता है?

साल 2013 की एक BBC रिपोर्ट के अनुसार, जापान की स्कूली किताबों में 1937 से 1945 तक का इतिहास महज 17 पन्नों में समेट दिया गया है. नान्जिंग नरसंहार की एक घटना है. जिसे जापानी फौज ने अंजाम दिया. इसके बारे में जापानी स्कूली किताबों में सिर्फ एक लाइन लिखी हुई है...

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द्वितीय विश्व युद्ध के इतिहास की सर्च लाइट जब भी जापान पर फोकस करेगी. आपको दिखाई देंगे, हिरोशिमा और नागासाकी. एटॉमिक बम का विध्वंस. हजारों की मौत. और एक ऐसी तबाही जो दुनिया ने पहले न देखी थी. ये हालांकि केवल एक पक्ष है. इस पक्ष में जापान एक विक्टिम दिखाई देता है. जो सही भी है.  लेकिन फिर इतिहास की इसी किताब का एक और चैप्टर भी है. इस दूसरे चैप्टर में कहानी है इंसानों पर हुए जैविक हथियारों के एक्सपेरिमेंट की. हजारों औरतों की. जिनके साथ रेप किया गया. और जिन्हें नाम दिया गया कम्फर्ट वुमेन. इतिहास के इस चैप्टर में एक सफ़्हा भारत का भी है. कहानी है भारत के लोगों की जिन्हें जीते जी समंदर में डुबो दिया गया. जापानी इतिहास के इस हिस्से में जापान विक्टिम नहीं, आक्रांता है.  सवाल ये कि हिरोशिमा नागासाकी की तरह जापान के बच्चे क्या अपने इस इतिहास से वाकिफ हैं. द्वितीय विश्व युद्ध में जापान के रोल के बारे में जापान के स्कूलों में क्या पढ़ाया जाता है. पूरा किस्सा जानने के लिए देखें वीडियो. 

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