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तारीख: ग्रीन रिवोल्यूशन की कहानी, भारत को भिखारी कहता था अमेरिका!

गीली हथेलियों के बीच गीले आटे की लोई को चपत लगाई जाती है. इसलिए नाम पड़ा चपाती. संस्कृत के शब्द रोटिका से बना रोटी.

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गीली हथेलियों के बीच गीले आटे की लोई को चपत लगाई जाती है. इसलिए नाम पड़ा चपाती. संस्कृत के शब्द रोटिका से बना रोटी. और अंग्रेजों ने नाम दिया ब्रेड. ऐसे ही और कई नाम हैं. जितने देश उतने नाम. लेकिन ज़रूरत एक - भूख. भूख सबको लगती है. और कई बार इतनी लगती है कि क्रांतियों की नौबत आ जाती है. भारत नाम के इस देश ने भी भूख का एक लम्बा दौर देखा है . हम ग़ुलाम थे. हमारा खाना छीनकर युद्ध के मैदान पर भेज दिया था. फिर हम आज़ाद हुए. हालांकि भूख की ग़ुलामी फिर भी ख़त्म नहीं हुई. और तब हुई एक क्रांति की शुरुआत. एक क्रांति जिसके लिए हथियारों की नहीं औज़ारों की ज़रूरत थी. पूरा किस्सा जानने के लिए देखें वीडियो. 

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